3.6 करोड़ नौकरीपेशा के लिए बड़ी खबर है. Lockdown में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) ने कंपनियों और फर्मों को बड़ी राहत दी है. कॉरपोरेशन ने फरवरी और मार्च का ESI अंशदान (Contribution) फाइल करने की समय-सीमा को 15 मई, 2020 तक बढ़ा दिया है. अब ये अपनी किस्त 15 मई तक जमा करा सकते हैं. पहले यह रकम 15 अप्रैल तक देनी थी. इस देरी पर कोई पेनाल्‍टी नहीं लगेगी.

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Labour ministry कम कमाने वालों की सेहत का खयाल रखने के लिए बीमा योजना चला रही है. इस योजना का नाम कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) योजना है. इसका फायदा निजी कंपनियों, फैक्ट्रियों और कारखानों में काम करने वाले कर्मचारियों को मिलता है. ESI का लाभ उन कर्मचारियों को मिलता है, जिनकी सैलरी 21 हजार रुपये या इससे कम है, हालांकि दिव्यांगजनों के मामले में आय सीमा 25000 रुपये है.

बता दें कि लेबर मिनिस्‍ट्री ने नौकरीपेशा की Take home सैलरी बढ़ाने का इंतजाम पहले ही कर दिया है. इसके तहत 15 हजार रुपए तक सैलरी पाने वाले वर्करों ESIC अंशदान घटा दिया गया है. यह अब 6.5 प्रतिशत से घटकर 4 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे इम्‍प्‍लॉयर और इम्‍प्‍लॉई दोनों को फायदा होगा.

लेबर मिनिस्‍टर संतोष गंगवार के मुताबिक सरकार ने कर्मचारियों के बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सेवा देने के लिए ESI कानून में बदलाव किया है. नए नियम के तहत कर्मचा‍री की सैलरी से पहले 1.75% अंशदान था जिसे घटाकर 0.75% कर दिया गया है. वहीं इम्‍प्‍लॉयर को 4.75% की जगह 3.25% अंशदान करना होगा. इसका फायदा 12.85 लाख इम्‍प्‍लॉयर को भी होगा.

बता दें कि FY 2018-19 में ESI के साथ कुल 1.49 करोड़ नए ग्राहक जुड़े हैं. सितंबर 2017 से लेकर नवंबर 2019 के दौरान ESI योजना में कुल 3.37 करोड़ ग्राहक जुड़े. वहीं, सितंबर 2017 से लेकर मार्च 2018 तक ESIC के साथ कुल 83.35 नए कर्मचारी जुड़े हैं.

NSO की यह रिपोर्ट कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योजना, कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) योजना और राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के आंकड़ों पर आधारित है.

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देश के औपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों में नवंबर 2019 के दौरान 14,33,000 नए कर्मचारी ESI योजना के साथ जुड़े जबकि एक महीने पहले अक्टूबर 2019 में कुल 12,60,229 कर्मचारी जुड़े थे. ESI योजना से जुड़ने वाले कर्मचारियों की संख्या में नवंबर 2019 के दौरान पिछले महीने के मुकाबले 17.7 फीसदी का इजाफा हुआ.