सरकार के इस कदम का ई कॉमर्स कंपनियों ने किया स्वागत, जल्द देंगी प्रतिक्रिया
देश की प्रमुख ई-वाणिज्य कंपनियों ने कहा कि वे राष्ट्रीय ई-वाणिज्य नीति के मसौदे की समीक्षा कर रहे हैं और जल्द ही प्रस्तावों पर अपनी राय रखेंगी.
प्रमुख ई-वाणिज्य कंपनियों अमेजन एवं वालमार्ट समर्थित फ्लिपकार्ट ने शनिवार को कहा कि वे राष्ट्रीय ई-वाणिज्य नीति के मसौदे की समीक्षा कर रहे हैं और जल्द ही प्रस्तावों पर अपनी राय रखेंगे. सरकार ने नयी राष्ट्रीय ई-वाणिज्य नीति का मसौदा शनिवार को जारी कर दिया. इसमें सीमा-पार डेटा प्रवाह पर रोक के लिए कानूनी एवं तकनीकी ढांचा तैयार करने एवं कंपनियों के लिये संवेदनशील आंकड़ों को स्थानीय तौर पर संग्रहण, प्रसंस्करण करने और उन्हें दूसरे देशों में रखने को लेकर कई तरह की शर्तों का प्रावधान किया गया है. सरकार की ओर से ई कॉमर्स पॉलिसी का ड्राफ्ट जारी किए जाने पर देश भर के व्यापारियों ने इसका स्वागत किया है.
कंपनियां कर रही हैं अध्ययन
फ्लिपकार्ट के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम इस बात की सराहना करते हैं कि सरकार ने ई-वाणिज्य नीति के मसौदे पर राय मांगी है. हम मसौदे को देख रहे हैं, जिसे थोड़ी देर पहले ही सुझाव के लिए जारी किया गया है. हम जल्द ही अपनी बात रखेंगे. भारत में स्थापित फ्लिपकार्ट उद्योग की प्रगति की अगुआ रही है. हम इस नये क्षेत्र के विकास के लिए सरकार और अन्य पक्षों के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक हैं."
कंपनियां को मिला है प्रतिक्रिया देने का समय
अमेजन इंडिया ने ईमेल के जरिए दिये गए अपने जवाब में कहा है कि कंपनी अभी नीति के मसौदे का अध्ययन कर रही है. बयान में कहा गया है, "हम लोगों की प्रतिक्रिया के लिए दिये गए समय में अपनी बात रखेंगे. हम ऐसी नीति चाहते हैं जिससे हम अपने साढ़े चार लाख से अधिक विक्रेताओं को अपनी सेवाएं दे सकें, हमारे लॉजिस्टिक नेटवर्क का विकास हो सके, नये रोजगार का सृजन हो सके, भुगतान को डिजिटल रूप दे सकें एवं अपने ग्राहकों को संतुष्टि दे सकें. "
42 पृष्ठ का है ये ड्राफ्ट
42 पृष्ठ के इस मसौदे में ई-वाणिज्य तंत्र के छह व्यापक विषयों - डेटा, अवसंरचना विकास, ई-वाणिज्य प्लेटफॉर्म, विनियमन संबंधी मुद्दों, घरेलू डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने और ई-वाणिज्य के जरिए निर्यात गतिविधियों को बढ़ावा देने- को शामिल किया गया है.
ई कॉमर्स नीति में कहा गया डेटा नया ईंधन
'राष्ट्रीय ई-वाणिज्य नीति- भारत के विकास के लिए भारतीय डेटा' शीर्षक से जारी मसौदे में कहा गया है, "आज के समय में यह आम धारणा हो गयी है कि डेटा नया ईंधन है. तेल के विपरीत डेटा का प्रवाह एक-दूसरे देश में बिना किसी रोक-टोक के होता है. विदेश में इसे संरक्षित किया जा सकता है या इसका प्रसंस्करण किया जा सकता है और प्रसंस्करण करने वाला सारी अहम जानकारी को अपने पास रख सकता है. इसलिए भारत के डेटा का इस्तेमाल देश के विकास में होना चाहिए और भारतीय नागरिकों एवं कंपनियों को डेटा के मौद्रीकरण का आर्थिक लाभ मिलना चाहिए. "
देश में अनुकूल माहौल तैयार होगा
स्नैपडील के एक प्रवक्ता ने कहा है कि ई-वाणिज्य पर राष्ट्रीय नीति बनाया जाना एक स्वागतयोग्य कदम है. इससे भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए अनुकूल माहौल तैयार होगा.