Defence PSU पर बड़ी खबर, जल्द बन सकती है 'महारत्न', शेयरों में आएगा उछाल; रखें नजर
HAL को साल अंत तक महारत्न दर्जा मिलने की संभावना है. अब कंपनी को ₹5000 करोड़ तक के निवेश के लिए सरकारी मंजूरी जरूरी नहीं होगी.
HAL Share Price: इस साल शेयर बाजार में डिफेंस और सरकारी शेयरों पर अलग से लाइमलाइट रहा है. खासकर शुरुआती महीनों में इस सेक्टर के शेयरों में अच्छी तेजी आई है. इनके लिए आउटलुक भी अच्छा दिख रहा है. ऐसे में एक डिफेंस कंपनी HAL (Hindustan Aeronautics Ltd) के लिए बड़ी खबर आई है. इस कंपनी को इस साल महारत्न कंपनी का दर्जा मिलने की संभावना है.
दरअसल, ब्लूमबर्ग के हवाले से खबर आई है कि HAL को साल अंत तक महारत्न दर्जा मिलने की संभावना है. अब कंपनी को ₹5000 करोड़ तक के निवेश के लिए सरकारी मंजूरी जरूरी नहीं होगी. फिलहाल ₹1000 करोड़ तक के निवेश के लिए मंजूरी जरूरी नहीं होती है, लेकिन महारात्न का दर्जा मिलने वाली कंपनियों को ये छूट होती है कि उनके लिए ₹5000 करोड़ तक निवेश के लिए सरकार से मंजूरी लेना जरूरी नहीं होता है.
HAL के शेयरों पर नजर
इस खबर के बाद HAL के शेयरों में करीब 1 पर्सेंट की तेजी दिखी थी. अगर कंपनी को महारत्न का दर्जा मिलता है, तो यहां इस साल अच्छी तेजी देखी जा सकती है. शेयर में वैसे तो 1 महीने में आपको ज्यादा एक्शन नहीं दिखा है, लेकिन पिछले 6 महीनों में यहां 52% की तेजी आई और इस साल अभी तक स्टॉक 64% की तेजी आई है. इस साल स्टॉक 133% का रिटर्न दे चुका है.
महारत्न दर्जा मिलने का क्या मतलब होता है?
जिन कंपनियों को महारत्न कंपनी का दर्जा मिलता है, उनको कई तरह के फायदे मिलने लगते हैं, जैसे-
1. कंपनी को अपने वित्तीय मामलों से जुड़े फैसले लेने का अधिकार मिल जाता है.
2. ये कंपनी बिना सरकार की मंजूरी के किसी भी परियोजना में 5,000 करोड़ रुपये तक का निवेश कर सकती हैं, इसके ऊपर के निवेश के लिए उन्हें सरकार से मंजूरी की जरूरत पड़ती है.
3. ये कंपनियां घरेलू और विदेशी कंपनियों के साथ विलय और अधिग्रहण कर सकती हैं.
हालांकि, ये महारात्न का दर्जा मिलने से पहले इन्हें कुछ शर्तें भी पूरी करनी होती हैं, जैसे-
1. इनके पास पहले से 'नवरत्न' का दर्जा होना चाहिए.
2. इनका स्टॉक मार्केट में लिस्ट होना जरूरी है.
3. इसमें पब्लिक शेयरहोल्डिंग होनी चाहिए.
4. पिछले 3 वित्तीय वर्षों में कंपनी का PAT (profit after taxes) कम से कम 5,000 करोड़ होना चाहिए.
5. कंपनी की मौजूदगी विदेशों में भी होनी चाहिए.