जनहित में सरकार का फैसला, LIC को मिनिमम पब्लिक शेयर होल्डिंग के लिए 10 साल का समय दिया
डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स ने मिनिमम पब्लिक शेयर होल्डिंग को पूरा करने के लिए एकबार के लिए LIC को छूट दिया है. उसे मई 2032 तक मिनिमम शेयर होल्डिंग को पूरा करना है.
सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को 10 साल के भीतर 25 फीसदी न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (Minimum Public Shareholding) हासिल करने की छूट दी है. सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी मई 2022 में सूचीबद्ध हुई थी. यह शेयर पौने एक फीसदी की तेजी के साथ 767 रुपए के स्तर पर बंद हुआ.
3.5% हिस्सेदारी बेची थी सरकार
सरकार ने आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के माध्यम से एलआईसी में 22.13 करोड़ से अधिक शेयर यानी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेची थी. कंपनी में फिलहाल सरकार की 96.5 फीसदी की हिस्सेदारी है. एलआईसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि आर्थिक मामलों के विभाग ने ‘एलआईसी को सूचीबद्धता की तारीख से 10 साल के भीतर यानी मई 2032 तक 25 फीसदी न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल करने को लेकर एक बारगी छूट दी है.
इस साल के शुरू में नियम में संशोधन
सरकार ने इस साल की शुरुआत में नियमों में संशोधन किया था ताकि सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और बैंकों को निजीकरण के बाद भी जरूरत के अनुसार जनहित में 25 फीसदी न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारित की आवश्यकता से छूट मिले.