कॉफी डे समूह ने शनिवार को कहा कि उसका बकाया कर्ज 4,970 करोड़ रुपये है जिसमें 4796 रुपये का सिक्योर्ड लोन और 174 रुपये का अनसिक्योर्ड लोन शामिल है. कंपनी ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई की रेग्यूलेटरी फाइलिंग में कहा, "प्रबंधन अपने कर्ज की स्थिति, अपेक्षित कटौती और चालू विविनेश हस्तांतरण पूरा होने के बाद की स्थिति के संबंध स्पष्ट करने का फैसला लिया है."

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कुल कर्ज में, कॉफी डे इंटरप्राइजेज लिमिटेड का कर्ज 480 करोड़ रुपये, कॉफी डे ग्लोबल लिमिटेड का 1,097 रुपये, वे टु वेल्थ लिमिटेड का 121 करोड़ रुपये, टैंगलिन डेवलपमेंट लिमिटेड का 1,622 करोड़ रुपये, टैंगलिन रिटेल रियलिटी डेवलपमेंट लिमिटेड का 15 करोड़ रुपये, कॉफी डे होटल्स एंड रिसॉर्ट्स लिमिटेड का 137 करोड़ रुपये, सिकल लॉजिस्टिक्स लिमिटेड का 1,488 करोड़ रुपये और मैग्नासॉफ्ट कंसल्टिंग इंडिया लिमिटेड का 10 करोड़ रुपये शामिल है.

कंपनी सेक्रेटरी सदानंद पुजारी ने फाइलिंग में कहा, "हमारे संस्थापक व चेयरमैन वी.जी. सिद्धार्थ की 31 जुलाई को मौत हो जाने के बाद मीडिया के एक वर्ग द्वारा हमारे कर्ज को लेकर अटकलें लगाए जाने के आलोक में यह स्पष्टीकरण दिया जा रहा है." कंपनी के बोर्ड ने 14 अगस्त को अपनी अनुषंगी कंपनी बेंगलुरु स्थित टैंगलिन डेवलपमेंट लिमिटेड के ग्लोबल विलेज टेक पार्क को अगले 30-45 दिनों में अमेरिकी निजी इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन के साथ 2,600-3,000 करोड़ रुपये में बेचने का फैसला लिया.

(रॉयटर्स)

कंपनी ने फाइलिंग में कहा, " ग्लोबल विलेज की बिक्री से ब्लैकस्टोन से प्राप्त राशि और कानून भुगतान के निष्पादन के बाद समूह का कर्ज कम हो जाएगा." पुजारी ने कहा कि कुछ संपत्तियों के विनिवेश पर विचार हो रहा है जिससे प्राप्त धन से उसके कर्ज में कमी आएगी. कंपनी ने अपने कर्जदारों से अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने के लिए समय मांगा है. इस समूह ने 50,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं.