BSNL-MTNL के VRS प्लान पर जबरदस्त रिस्पांस, 3 दिन में 22 हजार एप्लीकेशन
टेलीकॉम PSU भारत संचार निगम लि. (BSNL) के कर्मचारियों ने VRS को हाथों हाथ लिया है. योजना घोषित होने के केवल दो दिन में ही 22,000 कर्मचारियों ने VRS के लिये आवेदन कर दिया है.
टेलीकॉम PSU भारत संचार निगम लि. (BSNL) के कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) को हाथों हाथ लिया है. योजना घोषित होने के केवल दो दिन में ही 22,000 कर्मचारियों ने VRS के लिये आवेदन कर दिया है. महानगर टेलीफोन निगम लि. (MTNL) ने भी अपने कर्मचारियों के लिये VRS लागू की है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि BSNL के कर्मचारियों की संख्या करीब 1.50 लाख है. इनमें से करीब एक लाख कर्मचारी VRS के दायरे में आते हैं. BSNL की VRS योजना 5 नवंबर को पेश की गई और यह 3 दिसंबर तक खुली रहेगी.
दूरसंचार कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि VRS योजना अपनाने वाले कर्मचारियों की संख्या 22,000 को पार कर गई है. BSNL को उम्मीद है कि करीब 77,000 कर्मचारी इस योजना का लाभ उठाएंगे.
अधिकारी ने कहा कि आवेदन करने वाले कुल 13,000 कर्मचारी समूह-ग श्रेणी के हैं. हालांकि, हर श्रेणी के कर्मचारियों से अच्छी प्रतिक्रिया है. BSNL को उम्मीद है कि 70,000 से 80,000 कर्मचारी VRS योजना को अपनाएंगे और इससे वेतन मद में करीब 7,000 करोड़ रुपये की बचत होगी.
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी की VRS-2019 के अनुसार 50 साल की आयु पूरी कर चुके या उससे अधिक उम्र के BSNL के सभी नियमित और स्थायी कर्मचारी VRS के लिए आवेदन देने के पात्र हैं. इसमें वे कर्मचारी भी शामिल हैं जो BSNL के बाहर दूसरे संगठन में प्रतिनियुक्ति आधार पर काम कर रहे हैं.
VRS के तहत पात्र हरेक कर्मचारी के लिये अनुग्रह राशि उसके पूरे किये गये प्रत्येक सेवा वर्ष के लिये 35 दिन या बची हुई सेवा अवधि के लिये 25 दिन के वेतन के बराबर होगी.
महानगर टेलीफोन निगम लि. (MTNL) ने भी अपने कर्मचारियों के लिये VRS लागू की है. कर्मचारियों के लिये यह योजना 3 दिसंबर तक के लिये है. हाल में MTNL द्वारा कर्मचारियों को जारी नोटिस में कहा गया है, ‘‘सभी नियमित और स्थायी कर्मचारी जो 31 जनवरी 2020 तक 50 साल पूरे कर लेंगे या उससे अधिक उम्र के होंगे, वे योजना के लिये पात्र होंगे.
सरकार ने पिछले महीने BSNL और MTNL के लिये 69,000 करोड़ रुपये के रिवाइवल पैकेज की घोषणा की थी. इसमें घाटे में चल रही दोनों सरकारी दूरसंचार कंपनियों का विलय, उनकी संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाना और कर्मचारियों को VRS देना शामिल है.
इस कदम का मकसद विलय बाद बनने वाली इकाई को दो साल में लाभ में लाना है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने MTNL और BSNL के विलय को मंजूरी दी. MTNL मुंबई और दिल्ली में सेवा देती है जबकि BSNL देश के अन्य भागों में सेवा देती है.