आर्थिक तंगी से जूझ रही सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल-BSNL) लगातार नए-नए प्लान तैयार कर संकट से उबरने की कोशिश कर रही है. कंपनी ने बीते साल स्‍वैच्छिक सेवा निवृत्ति योजना (वीआरएस) शुरू की थी. हजारों कर्मचारियों द्वारा वीआरएस लेने के बाद भी कंपनी को खासा फायदा हुआ है. लेकिन कर्ज के मुकाबले यह फायदा काफी कम है. बीएसएनएल अब अपनी जमीनें बेचकर पैसा जुटाने का प्लान तैयार कर रही है. 

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इसके लिए बीएसएनएल ने कुछ भूखंडों की बिक्री के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई-CBSE) और अन्य के साथ बातचीत शुरू की है. कंपनी की नए साल 2020 में भूखंडों को बेचकर या किराये पर चढ़ाकर 300 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है.

इसके अलावा, दूरसंचार विभाग ने सरकारी गारंटी वाले बॉन्ड जारी करने की बीएसएनएल की योजना के बारे में वित्त मंत्रालय को जानकारी दी. सभी जरूरी मंजूरी मिलने के बाद बॉन्ड को फरवरी में जारी किया जा सकता है.

बीएसएनएल को 15,000 करोड़ से अधिक के बॉन्ड जारी करने के लिए सरकारी गारंटी दी जाएगी. यह जनवरी या फरवरी में जारी होने की उम्मीद है. इस पूंजी का उपयोग कर्ज को कम करने में किया जाएगा. इसका कुछ हिस्सा पूंजीगत खर्च में भी काम आएगा.

कुछ परिसंपत्तियों की पहचान की जा चुकी है तथा निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के साथ एक बैठक भी हो चुकी है. जिन संपत्तियों की जल्द बिक्री की जा सकती है उस पर भी एक बैठक हो चुकी है. साथ ही इस प्रक्रिया में तेजी लाने के प्रयासों पर भी चर्चा हुई है.

कुछ जमीन बेचने के लिए बीएसएनएल खुद से सीबीएसई और अन्य से बातचीत कर रही है. बीएसएनएल की चालू वित्त वर्ष में इस पूरी प्रक्रिया से 300 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी है.

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बता दें कि बीएसएनएल और एमटीएनएल में शुरू की गई स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) काफी सफल रही और इससे बीएसएनएल के वेतन बिल में 50 प्रतिशत और एमटीएनएल के वेतन खर्च में 75 प्रतिशत की कमी होगी.