BSNL results 2020-21: सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल (BSNL) का 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष 2020-21 में एकीकृत घाटा घटकर 7,441.11 करोड़ रुपये रह गया है. कंपनी के लिए यह राहत भरी खबर है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, बीएसएनएल (Bharat Sanchar Nigam Limited) के अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि कंपनी का इससे पिछले वित्त वर्ष में घाटा 15,499.58 करोड़ रुपये था.

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घाटे में कमी क्यों आई

खबर के मुताबिक, अधिकारी ने कहा कि यह घाटे में कमी मुख्य रूप से 78,569 कर्मचारियों के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने से सैलरी में कमी के चलते आई है. उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी की परिचालन आय (Operating Income) 1.6 प्रतिशत घटकर 18,595.12 करोड़ रुपये रही जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 18,906.56 करोड़ रुपये थी.

बकाया कर्ज बढ़कर 27,033.6 करोड़ रुपये

वित्तीय वर्ष के दौरान कंपनी (भारत संचार निगम लिमिटेड) पर बकाया कर्ज बढ़कर 27,033.6 करोड़ रुपये हो गया. एक साल पहले यह 21,674.74 करोड़ रुपये था. कुछ महीने पहले एक संसदीय समिति ने कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बीएसएनएल वित्त वर्ष 2023-24 से प्रॉफिट में आ सकती है. हालांकि यह केंद्र सरकार की तरफ से रिवाइवल पैकेज के तहत प्रस्तावित प्लानिंग और पॉलिसी पर निर्भर करेगा.

दो सरकारी टेलीकॉम कंपनियों को ट्रैक पर लाने की योजना

देश की दो सरकारी टेलीकॉम कंपनियों- बीएसएनएल और एमटीएनएल (MTNL) को ट्रैक पर लाने की योजना को सरकार ने अक्टूबर 2019 में  मंजूरी दी थी. इसमें कर्मचारियों के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, 4जी स्पेक्ट्रम के लिए सपोर्ट, संपत्तियों को बेचना या पट्टे पर देना, सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा पूंजी जुटाने के लिये बॉन्ड के लिए सरकारी गारंटी और दोनों का विलय शामिल था.

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