देश की नेशनल सिविल एविएशन पॉलिसी के अनुसार वर्ष 2027 तक देश में एयर कार्गो का कारोबार 10 मिलियन टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश की एयर कार्गो इंडस्ट्री को हर साल लगभग 12.9 फीसदी की दर से विकास करना होगा. औद्योगिक संगठन एसोचैम व कंसलटेंसी फर्म एक्टस एडवाइजर्स की ओर से किए गए एक संयुक्त अध्ययन के अनुसार सिविल एविशन पॉलिसी के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एयर कार्गो को बढ़ाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है.

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नया इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की जरूरत

औद्योगिक संगठन एसोचैम व कंसलटेंसी फर्म एक्टस एडवाइजर्स की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार एयर कार्गो के कारोबार को बढ़ाने के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही एयर कार्गो के परिचालन को भी बढ़ाने के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जाने की भी जरूरत है. रिपोर्ट में बताया गया है एयर कार्गो ट्रैफिक को बढ़ाने के लिए तत्काल देश भर में नए कार्गो टर्मिनल बनाए जाने की जरूरत है. वहीं विशेष तौर पर टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में डोमेस्टिक कार्गो टर्मिनल बनाए जाने के साथ ही बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की जरूरत है. वहीं एयर कार्गो के कारोबार में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए देश में अलग से एक एयर कार्गो पॉलिसी बनाए जाने की जरूरत है.

 

एयरफ्रेट कारोबार को और तेजी से बढ़ाने की जरूरत

एयरपोर्ट एथॉरिटी ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार एयर फ्रेट कारोबार में 1972-73 की तुलना में 2014-15 तक 20 गुना तक की वृद्धि हुई है. 1972-73 में देश भर में लगभग 0.8 मिलियर टन एयर कार्गो का कारोबार ही होता था. वहीं 2014-15 में यह बढ़ कर 2.5 मिलियन टन हो गया. इस दौरान एयर कार्गो कारोबार की ग्रोथ रेट लगभग 8.8 फीसदी के करीब रही.