चेक पेमेंट करने से पहले जानें क्या होता है पोस्ट डेटेड चेक, स्टेल चेक और ऐंट डेटेड चेक में अंतर
कई बार लोग चेक और उनके तरीकों को लेकर कंफ्यूज रहते हैं. शब्दों में कंफ्यूजन के कारण कई बार परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है. इसलिए आइए जानते हैं चेक और उनके प्रकारों के बारे में.
चेक पेमेंट का एक प्रचलित जरिया है. चेक बैंकिंग का एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा व्यक्ति बैंक को किसी व्यक्ति विशेष को पेमेंट करने का आदेश देता है. चेक यूं तो कई तरह के होते हैं और इनका उपयोग भी अलग-अलग उद्देश्य से किया जाता है. चेक मेकर को 'drawer' कहा जाता है. वहीं जिस व्यक्ति के नाम पर चेक जारी किया जा रहा है उसे 'payee' कहा जाता है. कई बार लोग चेक और उनके तरीकों को लेकर कंफ्यूज रहते हैं. शब्दों में कंफ्यूजन के कारण कई बार परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है. इसलिए आइए जानते हैं चेक और उनके प्रकारों के बारे में.
पोस्ट डेटेड चेक (Post Dated Cheque)
ये एक ऐसा चेक है जिसे भविष्य की तारीख के लिए जारी किया जाता है. पोस्ट डेटेड चेक क्कुह दिन बाद की तारीख के लिए रखा जाता है. यह क्रॉस्ड पेई या अकाउंट पेई चेक होता है. इस तरह के चेक ऑप्शन आपके लिए तब बेहतर होते हैं जब आप जानते हैं कि भविष्य में आपके पास किसी विशेष तारीख तक पैसा आ जाएगा. लेकिन चेक इश्यू के समय फंड मौजूद नहीं है. भारत में पोस्ट डेटेड चेक की अवधि 3 माह तक की है. इसी तरह हर देश के नियम इन्हें लेकर अलग होते हैं.
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स्टेल चेक (Stale Cheque)
ऐसे चेक जिनका उपयोग जारी किए जाने के 3 माह के बाद तक नहीं किया गया उन्हें स्टेल चेक कहा जाता है. यानि कि एक्सपायर चेक स्टेल चेक कहे जाते हैं. ऐसे चेक आप बैंक में सबमिट नहीं कर सकते. अगर आप कर भी देते हैं तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमानुसार इन्हें रिजेक्ट कर दिया जाता है.
ऐंट डेटेड (Ante-dated Cheque)
ऐसा चेक जो कि गुजर चुकी तारीख का होता है और उसे बैंक में सबमिट किया जाता है इसे ऐंट डेटेड चेक कहा जाता है. लेकिन इस चेक को 3 माह की अवधि के भीतर होना ही जरूरी होता है.