P2P Lending: मुश्किल समय में रिश्तेदारों से कर्जा लेने की जरूरत नहीं, जानें क्या है पीयर टू पीयर लेंडिंग ऑप्शन
बैंकों ने इंटरेस्ट रेट बढ़ाई हैं और अपने क्रेडिट स्टेंडर्ड को और मजबूत किया है. इस कारण बड़ी तादाद में लोग पीयर टू पीयर लोन की तरफ बढ़ रहें हैं. इस तरह का लोन उन लोगों के लिए एक अच्छा ऑप्शन है जो अपने इंस्टिट्यूशनल फाइनेंस को एक्सेस नहीं कर सकते.
पहले के समय लोग लोन लेने के लिए अपने करीबियों पर डिपेंड थे. लेकिन ऐसा करना उनकी इमेज को सोसाईटी में खराब कर देता था. इसका मतलब था कि आप अपनी फाइंनेंशियल प्रॅाब्लम को किसी दूसरे इंसान के सामने रख रहें हैं. पीयर टू पीयर लोन उन लोगों के लिए एक फायदे का सौदा है जो किसी इंसान से उधार लेना चाहते हैं. इसमें बॅारोअर के लिए बेनिफिट शामिल हैं. साथ ही इसमें लेंडर के लिए भी, रिटर्न रेट काफी ज्यादा हो सकती हैं. ये डायवर्सिफिकेशन प्रोवाइड करता है. पीयर टू पीयर लेंडिंग एक एल्गोरिद्म है जो बॅारोअर की जरूरतों को लेंडर की जरूरतों से मैच कराता है. ये प्रोसेस अलग-अलग पार्टियों के बीच मीडिएटर का रोल निभाने वाले पीयर टू पीयर प्लेटफॅार्म के साथ खुफिया रूप से होती है. इसके पहले स्टेप में अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन, बॅारोअर के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं. यहां पीयर टू पीयर लेंडर्स ओरिजिनेशन फीस लेते हैं. ये उनके रेव्न्यू के सोर्स में से एक है. पीयर टू पीयर लेंडर ओरिजनेशन फीस के रूप में लोन के अमाउंट का 3% से 5% चार्ज करते हैं. इन लोन की इंटरेस्ट रेट रीजनेबल होती है. इन्हें एक से पांच साल के पीरियड में एमॅार्टाइज्ड किया जाता है. इसमें प्रीपेमेंट के लिए कोई पेनल्टी नहीं लगती है. पीयर टू पीयर लोन प्लेटफॉर्म, बॅारोअर के वैरिफाइड बैंक अकाउंट से ऑटोमेटिकली पेमेंट डिडक्ट कर लेता है. यहां हर पेमेंट के लिए प्लेटफॉर्म एक छोटा चार्ज लेता है. ये पीयर टू पीयर लेंडर्स के लिए रेवेन्यू का एक सोर्स होता है.
Peer to Peer लेंडर किस पर्पज के लिए लोन देते हैं
पीयर टू पीयर लेंडर पर्सनल और बिजनेस पर्पज के लिए लोन देते हैं. आमतौर पर डेट कंसॅालिडेशन, मेडिकल एक्सपेंस, घर के रिनॅावेशन आदि के लिए लोन लिया जाता है. साथ ही इन प्लेटफार्म पर एक छोटा बिजनेस शुरू करने के लिए काफी बड़े लोन दिए जाते हैं. कभी-कभी लोग पीयर टू पीयर लोन का यूज कर अपनी कार को फाइंनेंस, डाउन पेमेंट या मॅार्गेज के लिए पैसे भी ले सकते हैं.
क्या हैं इसके फायदे
आसानी से उपलब्ध
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पीयर टू पीयर लोन का सबसे बड़ा फायदा है कि ये आसानी से अवेलेबल होते हैं. ये लोन आम तौर पर एक इंटरनेट एप्लिकेशन से लिए जाते हैं. कुछ घंटों के भीतर डिसबर्स्ड मनी बॅारोअर के अकाउंट में आ जाती है. इसके अलावा लोन को एनॅानोमसली दिया जाता है. जिसका मतलब है कि बॅारोअर को नहीं पता चलता कि लेंडर कौन है. और लेंडर को भी बॅारोअर के बारे में पता नहीं चलता है.
कम इंटरेस्ट रेट
इसमें इंडिविजुअल पीयर टू पीटर लोन देते हैं, इसलिए लागत कम होती है. ये लोन आम तौर पर उन लोगों को दिए जाते हैं जिनके पास बहुत अधिक कर्ज है और रेगुलर चैनल से फाइनेंस नहीं ले पाते हैं. पीयर टू पीयर लोन के लिए एक्सट्रा ऑप्शन क्रेडिट कार्ड फाइनैंसिंग या पे-डे लोन हैं. पीयर टू पीयर लेंडिंग ज्यादा यूजर फ्रैंडली है. ये बॅारोअर को अपने फाइनेंस को मैनेज करने का मौका देता है.
फंड्स की पूलिंग
बॅारोअर को दिया गया लोन शायद ही कभी एक लेंडर देता है. इसमें कई लेंडर्स से पैसा जमा करके लोन दिया जाता है. रिस्क और रिवॅार्ड आनुपातिक आधार पर डिवाइड किए जाते हैं. इसलिए, इंडिविजुअल इंवेस्टर के लिए इसमें रिस्क कम है. कुछ इंवेस्टर ने इक्विटी में इंवेस्ट के साथ पीयर टू पीयर लोन में इंवेस्ट करने की तुलना की है. क्योंकि उनका मानना है कि दोनों का रिस्क प्रोफाइल समान है.
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08:35 AM IST