अगर आपका बैंक में अकाउंट है तो आपको उसके साथ डेबिट कार्ड यानी ATM कार्ड भी मिला होगा. डेबिट कार्ड पर पीछे तीन अंकों का सीवीवी नंबर लिखा होता है. आरबीआई (RBI) कहता है कि डेबिट कार्ड मिलते ही कार्ड यूजर को सबसे पहले अपने सीवीवी (CVV) नंबर को याद कर लेना चाहिए या किसी ऐसी सु‍रक्षित जगह पर लिख लेना चाहिए, जो किसी अन्‍य व्‍यक्ति की अप्रोच से दूर हो और सीवीवी नंबर को कार्ड से मिटा देना चाहिए. ऐसा करने से आप फ्रॉड से काफी हद तक खुद को बचा सकते हैं. लेकिन आरबीआई के अलर्ट के बाद भी लोग कई बार इस बात का ध्‍यान नहीं रखते. ऐसे में फ्रॉड होने की आशंका बढ़ जाती है. आइए आपको बताते हैं कि कैसे ये 3 अंकों का नंबर आपके अकाउंट को भी खाली कर सकता है.

जानिए क्‍या होता है CVV

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CVV का फुल फॉर्म (Card Verification Value) है. ये 3 अंकों का एक नंबर होता है जो डेबिट कार्ड के पीछे की तरफ मैग्नेटिक स्ट्रिप के पास देखने को मिलता है. जब भी आप कार्ड के जरिए कहीं पेमेंट करते हैं तो आपको सीवीवी नंबर डालना होता है. बिना इस नंबर के पेमेंट कन्‍फर्म नहीं होता. इसलिए आरबीआई इस नंबर को कार्ड से मिटाने और गोपनीय रखने की सलाह देता है.

CVV के होते हैं दो हिस्‍से

एटीएम कार्ड पर आपको भले ही तीन अंकों का सीवीवी नजर आता है, लेकिन वास्‍तव में इसके दो हिस्‍से होते हैं. पहला हिस्सा काले रंग की मैग्नेटिक स्ट्रिप में छिपा होता है, जिसे सिर्फ मैग्नेटिक रीडर मशीन में स्वाइप करने के बाद पढ़ा जा सकता है. वहीं दूसरा हिस्सा अंकों के रूप में आपको नजर आता है.

क्‍यों जरूरी है CVV को छिपाना

दरअसल CVV ओटीपी (OTP) की तरह ही एक सिक्योरिटी लेयर है, जो आपके पेमेंट को सुरक्षित रखने का काम करता है. जब भी आप कार्ड के जरिए कहीं ऑनलाइन पेमेंट करते हैं तो आपको कार्ड की डीटेल्‍स डालनी होती है. कार्ड की डीटेल्‍स वहां सेव भी हो जाती है, लेकिन CVV नंबर सेव नहीं होता. अगर आप इस सीवीवी नंबर को कार्ड से मिटा देते हैं, तो ऐसे में आपका कार्ड अगर किसी गलत हाथ में पहुंच भी जाए, तो व्‍यक्ति बिना सीवीवी के ट्रांजैक्‍शन नहीं कर पाएगा. लेकिन अगर आप इसे कार्ड से नहीं मिटाते हैं, तो फ्रॉड करने वाले को आपके CVV की जानकारी मिल जाती है. ऐसे में  आपका अकाउंट खाली भी खाली हो सकता है. ध्‍यान रहे कि सीवीवी आपके एटीएम का पिन नहीं होता. PIN का उपयोग कर आप एटीएम से लेन-देन कर सकते हैं, लेकिन CVV का उपयोग ऑनलाइन पेमेंट के समय किया जाता है.