UPI को मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स, RBI नियमों के बाद 71.59 लाख करोड़ से ज्यादा का हुआ लेनदेन
UPI tremendous benefit: यूपीआई ऑटोपे फीचर से ई-मैंडेट की संख्या दिसंबर 2021 में 60 लाख तक पहुंच गई है. नवंबर के आंकड़ों के मुताबिक 32 फीसदी आगे है.
UPI tremendous benefit: देश में लगभग लोग डिजिटस ट्रांजैक्शन ही कर रहे हैं. ऐसे में पैसे के लेन-देन के लिए सबसे ज्यादा लोग UPI का ही सहारा ले रहे हैं. बदा दें UPI के ऑटो पेमेंट मैंडेट यानी ई-मैंडेट में शानदार तरीके से बढ़त हो रही है. बीते साल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ऑटो पेमेंट से जुड़ें नए नियम जारी किए थे, जिसके बाद से ही यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI को जबरदस्त फायदा मिल रहा है.
अगर दिसंबर 2021 के आंकड़ें जारी करें, तो यूपीआई ऑटोपे फीचर से ई-मैंडेट की संख्या 60 लाख तक पहुंच गई है. ये नवंबर के आंकड़ों के मुताबिक 32 फीसदी आगे है. नवंबर में ई-मैंडेट 45.5 लाख और अक्टूबर में 40.3 लाख हुआ था. मैंडेट रजिस्ट्रेशन के मामले में सबसे आगे जो बैंक हैं, वो हैं भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India), एचडीएफसी बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा.
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ई-मैंडेट की संख्या में हुआ इजाफा
UPI सर्विस में कस्टमर्स को अपने बिल ये लेकर EMI पेमेंट के लिए रिकरिंग ई-मैंडेट सेट करने की सुविधा तक मिलती है. UPI की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2021 में यूपीआई ऑटोपे फीचर (UPI Auto Pay Feature) से ई-मैंडेट की संख्या 60 लाख तक पहुंच गई है. नवंबर के मुकाबले इसमें 32 फीसद की बढ़त हुई है. नवंबर में ई-मैंडेट 45.5 लाख और अक्टूबर में 40.3 लाख हुआ था. मैंडेट रजिस्ट्रेशन के मामले में भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India), एचडीएफसी बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा सबसे आगे हैं.
बता दें मैंडेट उन पेमेंट के मामले में किया जाता है जो रिकरिंग नेचर के होते हैं, जैसे कि हर महीने आपकी कोई EMI जानी है या फिर इन्वेस्टमेंट. UPI ऑटोपे के जरिए कस्टमर्स को केवल 5,000 रुपए तक की रकम के रिकरिंग ई-मैंडेट करने की सुविधा मिलती है.
RBI ने कसा रिकरिंग ऑटो पेमेंट पर शिकंजा
दरअसल RBI ने क्रेडिट कार्ड (Credit Card) या अन्य तरीकों से रिकरिंग ऑटो पेमेंट (Recurring Auto Payment) पर कुछ अंकुश लगाया है. ऐसे में अब ग्राहकों के पैसे कटने से पहले ही उनसे परमीशन लेनी होगी. यही वजह है कि UPI ऑटो पेमेंट अब लोगों के लिए दिलचस्प होता जा रहा है. इसके अलावा ये रिचार्ज और चैरिटी जैसे अन्य कामों के लिए भी काफी लोकप्रिय माने गए हैं. सबसे ज्यादा इसका फायदा नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार, जियो सावन, गाना जैसी बड़ी म्यूजिक कंपनियों और ओटीटी प्लेयर्स को मिल रहा है.