भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से यूपीआई ट्रांजेक्शन (UPI Transactions) को जियोग्राफिकल लोकेशन के हिसाब से ट्रैक नहीं किया जाता है. यह बात तब पता चली, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से लोकसभा में यूपीआई ट्रांजेक्शन को लेकर कुछ सवाल पूछे गए. इसी में से एक सवाल था कि इस साल और पिछले दो सालों में यूपी और बिहार समेत पूरे देश में अलग-अलग राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में कितनी यूपीआई ट्रांजेक्शन हुई हैं. साथ ही यह भी पूछा गया कि यूपीआई ट्रांजेक्शन को लेकर कितने फ्रॉड (Fraud) रिपोर्ट किए गए हैं.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका जवाब देते हुए सबसे पहले कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक से मिली जानकारी के अनुसार यूपीआई ट्रांजेक्शन को जियोग्राफिकल लोकेशन के हिसाब से ट्रैक नहीं किया जाता है. साथ ही उन्होंने दो अलग-अलग एनेक्चर के तहत टेबल जारी करते हुए बताया है कि कितनी यूपीआई ट्रांजेक्शन हुई हैं और कितने फ्रॉड रिपोर्ट हुए हैं.

टेबल में देखिए कितनी हुईं यूपीआई ट्रांजेक्शन

यूपीआई से जुड़े कितने फ्रॉड हुए रिपोर्ट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से दूसरा सवाल पूछा गया था कि यूपीआई ट्रांजेक्शन को सुरक्षित करने और फ्रॉड से बचाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है. इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा है कि सरकार, आरबीआई और एनपीसीआई की तरफ से कई अहम कदम उठाए गए हैं. इसमें डिवाइस बाइंडिंग, पिन के जरिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन, डेली ट्रांजेक्शन लिमिट जैसे कदम शामिल हैं. साथ ही आरबीआई और तमाम बैंक साइबर क्राइम को रोकने के लिए जागरूकता भी फैला रहे हैं.