UPI यानी कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस के जरिए ऑनलाइन पेमेंट करना बेहद आसान हो गया है. यूपीआई की सफलता के पीछे राज है वन क्लिक पर होने वाली पेमेंट. आज लगभग हर व्यक्ति के पास UPI की सुविधा मौजूद है.  सब्जी खरीदने से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम खरीदने तक आप हर छोटी-बड़ी जगह UPI के जरिए लेन-देन कर सकते हैं. लेकिन पेमेंट आसानी के बाद फ्रॉड के मामले भी सामने आए हैं. ऑनलाइन लेन-देन के समय कई ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. हाल ही में गृह मंत्रालय के आंकड़ों ने दिखाया कि NCRP यानी कि नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर जो साइबर फ्रॉड की शिकायतें दर्ज कराई गई हैं उसमें काफी इजाफा हुआ है. इसमें बड़ा इजाफा UPI फ्रॉड के चलते हुआ है. 2022 की पहली और दूसरी तिमाही के बीच साइबर फ्रॉड की शिकायतों में 15.3% का इजाफा देखा गया. 

UPI फ्रॉड बढ़ा 

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आंकड़ों ने दिखाया कि 2022 के फर्स्ट क्वार्टर में नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पर कुल 206198 शिकायतों को रिपोर्ट किया गया था जबकि यही आंकड़ा बढ़ कर दूसरे क्वार्टर में 15.3% बढ़ा और 237659 हो गया. साइबर क्राइम कैटगरी में यूपीआई फ्रॉड से जुड़ी शिकायतों की बात करें तो पहली तिमाही में ये शिकायतें 62,350 जो कि 2022 की दूसरी तिमाही में बढ़कर 84,145 तक पहुंच गई. यानी कि कुल 34% का उछाल है. इस उछाल में वजह का बड़ा कारण upi के जरिए पेमेंट में होने वाली बढ़ोत्तरी है. RBI की मानें तो सितंबर में खत्म छमाही में यूपीआई पेमेंट में 1200% का उछाल देखने के लिए मिला है.

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गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई रिपोर्ट की मानें तो कुल साइबर क्राइम में 67.9% का हिस्सा ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड का था. इन फ्रॉड में डेबिट/क्रेडिट कार्ड/ सिम स्वैप के द्वारा किए गए फ्रॉड भी शामिल होते हैं. इसमें लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. 2022 की पहली तिमाही में 24,270 ऐसे फ्रॉड सामने आये थे जो दूसरी तिमाही में बढ़कर 26,793 पर जा पहुंचा है.  हालांकि रिपोर्ट के इंटरनेट बैंकिंग शिकायतों में कमी आई है. 2022 की पहली तिमाही में इंटरनेट बैंकिंग की कुल 20,443 शिकायतें सामने आई थीं जो दूसरी तिमाही में घटकर 19,267 रह गई है.