सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक पर रिजर्व बैंक ने 2.2 करोड़ रुपए का भारी जुर्माना लगाया है. रिजर्व बैंक ने अपनी जांच में पाया कि IOB नियमन और रेग्युलेशन संबंधी कई नियमों की अनदेखी कर रहा था. आरबीआई के मुताबिक, बैंक ने बैड लोन की पहचान करने में कोताही बरती. इसके अलावा प्रॉफिट में फंड रिजर्व कोटा की भी अनदेखी की गई. सेंट्रल बैंक ने अपनी जांच के दौरान मार्च 2021 के बुक्स ऑफ अकाउंट में इन खामियों को नोटिस किया.

ग्राहकों के साथ लेन-देन का मसला नहीं है

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RBI ने 29 मई को बैंक पर जुर्माना लगाने का ऐलान किया. आरबीआई ने कहा कि यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता का इससे कोई सरोकार नहीं है.

बैंक ने मैंडेटरी ट्रांसफर नहीं किया

केंद्रीय बैंक ने कहा कि आरबीआई द्वारा 31 मार्च, 2021 को बैंक के सुपरवाइजरी इंस्पेक्सन के लिए वैधानिक निरीक्षण (आईएसई 2021) उसकी वित्तीय स्थिति के संदर्भ में किया गया था. चेन्नई स्थित बैंक अपने रिजर्व फंड में वर्ष 2020-21 के लिए घोषित लाभ के 25 फीसदी के बराबर राशि का मिनिमम मैंडेटरी ट्रांसफर करने में विफल रहा.

इन 2 सरकारी बैंकों पर भी लगाया था जुर्माना

इससे पहले रिजर्व बैंक ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर 84.50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था. केनरा बैंक में भी वित्तीय अनियमितता के कारण 3 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था. केनरा बैंक पर आरोप था कि उसने अयोग्य यूनिट पर भी अकाउंट खोलने का काम किया.

(भाषा इनपुट के साथ)

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