RBI का 'टोकनाइजेशन' सिस्टम; क्या एक टोकन ही हर जगह इस्तेमाल होगा? कैसे जेनरेट करें? पढ़िए जरूरी सवालों के जवाब
अब मर्चेंट, पेमेंट एग्रीगेटर ग्राहकों की जानकारी स्टोर नहीं कर सकेंगे. टोकनाइजेशन सिस्टम लागू होने से डिजिटल या ऑनलाइन होने वाले फ्रॉड्स पर लगाम लगेगी. लेकिन, टोकनाइजेशन कैसे काम करेगा?
पिछले कुछ दिनों से टोकनाइजेशन शब्द सुन रहे होंगे. RBI ने अब क्रेडिट और डेबिट कार्ड यूज करने वाले यूजर्स के लिए नियम बदल दिए हैं. टोकनाइजेशन का नियम इन्हीं डेबिट और क्रेडिट कार्ड पर लागू किया गया है. अब मर्चेंट, पेमेंट एग्रीगेटर ग्राहकों की जानकारी स्टोर नहीं कर सकेंगे. टोकनाइजेशन सिस्टम लागू होने से डिजिटल या ऑनलाइन होने वाले फ्रॉड्स पर लगाम लगेगी. लेकिन, टोकनाइजेशन सिस्टम है क्या? कैसे काम करेगा और कैसे इसे एक्टिवेट कर सकते हैं? ये सब जानना आपके लिए जरूरी है. अगर आपके मन भी ऐसे ही कई सवाल हैं तो समझिए क्या करना है...
क्या कहता है RBI?
RBI के मुताबिक, टोकनाइजेशन के लागू होने से ग्राहकों को पेमेंट करने के तरीके में नया एक्सपीरियंस मिलेगा. डेबिट और क्रेडिट कार्ड के ट्रांजैक्शन पहले के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित होंगे. क्यों सुरक्षित होंगे? क्योंकि, ग्राहकों की डीटेल्स जैसे की कार्ड नंबर, बाकी जरूरी डीटेल्स सेव नहीं होंगी. बल्कि पेमेंट करने के लिए ग्राहक टोकन सिस्टम का इस्तेमाल करेंगे. मतलब जब ट्रांजैक्शन करेंगे तो टोकन के जरिए पेमेंट होगा.
सबसे पहले समझिए क्या है टोकनाइजेशन?
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सबसे पहले टोकनाइजेशन आपके कार्ड्स की डीटेल्स को एक यूनिक टोकन में बदलता है, इस प्रोसेस को ही टोकनाइजेशन कहते हैं. टोकन जेनरेट होने के बाद आपको अपनी डीटेल्स किसी भी थर्ड पार्टी ऐप पर शेयर नहीं करनी होंगी और न ही ये ऐप आपकी किसी भी डीटेल्स को सेव कर पाएंगे. मसलन अगर आप किसी भी फूड एग्रीगेटर से खाना मंगाते हैं और आपके कार्ड की डीटेल्स वहां सेव हैं तो उसे रिमूव करके आप टोकन के जरिए पेमेंट करेंगे. इससे आपकी डीटेल्स लीक होने का खतरा नहीं होगा.
क्या एक ही टोकन सब जगह चलेगा?
नहीं, पेमेंट करने के लिए आपको हर मर्चेंट के लिए अलग टोकन जेनरेट करना होगा. एक बार टोकन का इस्तेमाल होने के बाद इसे दूसरे मर्चेंट के पास इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. जिस भी मर्चेंट के पास आप पेमेंट करेंगे उसके पास कार्ड की जगह टोकन नंबर सेव होगा. सरल शब्दों में कहें तो जितने मर्चेंट का इस्तेमाल आप पेमेंट के लिए करेंगे उतने ही टोकन आपको जेनरेट करने होंगे.
क्या आएगा अंतर?
टोकनाइजेशन के जरिए पेमेंट करने पर आपका पेेमेंट काफी आसान हो जाएगा. अभी जैसे पेमेंट करने के लिए आपको CVV और OTP दर्ज करना होता है और कार्ड की डीटेल्स पहले से फैच होती हैं. टोकनाइजेशन से ये कार्ड की डीटेल्स अब सेव नहीं होंगी. लेकिन, किसी भी वेबसाइट या ऐप पर कार्ड की डीटेल्स सेव होने से फ्रॉड का खतरा बना रहता है. वेबसाइट पर जाकर हैकर्स कार्ड डीटेल्स हैक कर सकते हैं. लेकिन, टोकनाइजेशन से ऐसा नहीं होगा. यहां हर मर्चेंट के लिए अलग टोकन होगा. टोकन का मतलब है कि जब आप पेमेंट करेंगे तो आपके कार्ड की सिर्फ आखिरी चार डिजिट दिखाई देंगी. डिजिट डिस्प्ले पर क्लिक करके आप पेमेंट कम्प्लीट कर पाएंगे.
कैसे जेनरेट करें अपना टोकन?
- जिस मर्चेंट से आप खरीदारी कर रहे हैं उस ई-कॉमर्स वेबसाइट पर जाएं.
- पेमेंट के लिए जो भी कार्ड चुनना होगा, उसे सेलेक्ट कर लें.
- अपने कार्ड्स और मांगी गई जरूरी डीटेल्स फिल करें.
- वेबसाइट पर 'secure your card as per RBI guidelines option' के ऑप्शन पर टैप करें और RBI के दिशा-निर्देशों के अनुसार स्टोर करें.
- बैंक अकाउंट के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP आएगा. OTP दर्ज करें और कार्ड डीटेल्स टोकन के लिए भेजा जाएगा.
- टोकन मर्चेंट को भेजा जाएगा और वह कार्ड की डीटेल्स की जगह पर इसे स्टोर कर लेगा.
- अगली बार जब आप उसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म या मर्चेंट वेबसाइट पर जाएंगे, तो स्टोर किए कार्ड के अंतिम चार डिजिट ही दिखेंगे.
- ये चार डिजिट दिखने का मतलब है कि उस साइट पर आपके कार्ड का टोकन सेव है और आप इसपर ही क्लिक करके पेमेंट कर सकते हैं.
01:26 PM IST