रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजे आज जारी होंगे. इसमें RBI और रेट कट कर सकता है. उम्मीद है कि RBI 25 bps का रेट कट करे. एसोचैम के अध्‍यक्ष बाल कृष्‍ण गोयनता ने उम्‍मीद जताई कि मौजूद आर्थिक स्थिति और सेंटीमेंट सुधार के लिए यह ज़रूरी होगा कि RBI ब्‍याज दरों में और ढील दे.

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RBI ने इस साल रेपो रेट में 135 आधार अंक की कटौती की है. साथ ही उसने बैंकिंग सिस्‍टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए 2 खरब रुपए डाले हैं. इस समय रेपो रेट 5.15% है. गोयनका के मुताबिक सबसे बड़ी दिक्कत है कि सेंट्रल बैंक आरबीआई का रेट कट का फायदा अन्य बैंक, फिर वो चाहे सरकारी हो या प्राइवेट, आगे बाईपास नहीं करते हैं. इस पर सरकार को ध्‍यान देने की जरूरत है, क्‍योंकि ऐसा होने से ही बाजार के हालात सुधरेंगे. 

अगर आरबीआई के रेट कट का फायदा अन्य बैंक आगे भी रेट कटौती के रूप में बढ़ाते हैं तो यकीनन इसका फायदा स्मॉल या मध्यम धंधों को मिलेगा जिससे पूरी अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने में बड़ी मदद मिलेगी. 

गोयनका ने कहा कि GDP के आंकड़े भले ही गिरे हों लेकिन यहां से आगे स्थिति बेहतर ही होगी. 2 से 3 तिमाही में GDP दोबारा 6-7 प्रतिशत के स्‍तर पर आ जाएगी. 

अगले 2-3 महीने में वापस ग्रोथ और इकनोमिक स्टेबिलिटी की तरफ बढ़ेंगे.

राज्य में सरकार बदलने पर अगर पुराने फैसलों पर ही समीक्षा जैसे कदम उठाने लगे तो ये सिर्फ और सिर्फ ग्लोबल सेंटीमेंट को खराब करता है. विदेशी निवेश का माहौल खराब होता है. निवेशकों का भरोसा टूटता है और सबसे अहम इसका खामियाजा या नुकसान केंद्र से ज़्यादा राज्य को भुगतना पड़ता है.