जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों की बढ़ेगी मुश्किलें, RBI ने विलफुल डिफॉल्टर्स के लिए जारी किए नए नियम
RBI Wilful Defaulters: RBI ने कहा कि बैंक 25 लाख रुपये और उससे अधिक की बकाया राशि वाले सभी NPA खातों में ‘विलफुल डिफॉल्टर’ की समय-समय पर जांच करेंगे.
RBI Wilful Defaulters: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को विलफुल डिफॉल्टरर्स और बड़े डिफॉल्टर्स से निपटने पर एक निर्देश जारी किया है. इसके तहत बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को 25 लाख रुपये और उससे अधिक की बकाया राशि वाले सभी गैर-निष्पादित आस्तियां (NPA) खातों में ‘विलफुल डिफॉल्टर’ की जांच करनी होगी. बैंक एक विशेष प्रक्रिया का पालन करके किसी व्यक्ति की पहचान करेंगे और उसे ‘विलफुल डिफॉल्टर्स’ के रूप में वर्गीकृत करेंगे.
कौन होते हैं विलफुल डिफॉल्टर्स
निर्देश के अनुसार, विलफुल डिफॉल्टर के सबूतों की जांच एक पहचान समिति करेगी. 'विलफुल डिफॉल्टर्स' का अर्थ है एक ऐसा कर्जदार या गारंटर जिसने जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाया है और उसकी बकाया राशि 25 लाख रुपये से अधिक है.
बैंकों को करनी होगी जांच
RBI ने कहा, "बैंक 25 लाख रुपये और उससे अधिक की बकाया राशि वाले सभी NPA खातों में ‘विलफुल डिफॉल्टर’ की समय-समय पर जांच करेंगे."
यदि आंतरिक शुरुआती जांच में कोई जानबूझकर चूक की बात सामने आती है, तो ऋणदाता खाते को NPA के रूप में वर्गीकृत किए जाने के छह महीने के भीतर कर्जदार को विलफुल डिफॉल्टरकर्ता के रूप में वर्गीकृत करने की प्रक्रिया पूरी कर लेंगे.
RBI के निर्देश में आगे कहा गया है कि ऋणदाताओं को इस संबंध में एक गैर-भेदभावपूर्ण बोर्ड से मंजूरी प्राप्त नीति तैयार करनी चाहिए.