भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को एक मास्टर निर्देश जारी किया. इसमें बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थानों के अपने ग्राहकों की ऋण सूचना पर जारी किए गए विभिन्न निर्देशों को एकीकृत किया गया है. रिजर्व बैंक की तरफ से ग्राहकों की क्रेडिट रिपोर्ट यानी सिबिल (CIBIL) को लेकर पिछले दिनों में कई नियम बनाए हैं, अब सबको कंसोलिडेट किया गया है.

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मास्टर निर्देश के अनुसार, अगर निर्दिष्ट उपयोगकर्ता (एसयू) ग्राहकों की क्रेडिट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (सीआईआर) को लेते हैं, तो इस बारे में ऋण सूचना कंपनियां (सीआईसी) ग्राहकों को एसएमएस या ईमेल के जरिये बताएंगी. 

मास्टर निर्देश - भारतीय रिजर्व बैंक (ऋण सूचना रिपोर्टिंग) निर्देश, 2025 में कहा गया, ‘‘सीआईसी अलर्ट तभी भेजेंगी, जब सीआईआर जांच ग्राहक की सीआईआर में दिखाई देगी.’’ साथ ही, ऋण संस्थानों (सीआई), जिनमें बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) शामिल हैं, उनको ग्राहकों को यह बताना होगा कि डेटा सुधार के उनके अनुरोध को अस्वीकार क्यों किया गया. 

आरबीआई ने कहा, ‘‘अगर शिकायतकर्ता की तरफ से सीआई/सीआईसी के पास शिकायत दर्ज कराने की तारीख से 30 दिन के भीतर उनकी शिकायत का समाधान नहीं किया जाता है, तो शिकायतकर्ता प्रतिदिन 100 रुपये के मुआवजे का हकदार होगा.’’ मास्टर निर्देश जारी करने का उद्देश्य ऋण सूचना की रिपोर्टिंग और प्रसार के लिए एक मानकीकृत ढांचा स्थापित करना और संवेदनशील ऋण डेटा की गोपनीयता की रक्षा करना है.