PM Jan Dhan Yojana: देश में बैंकिंग सेवाओं से दूर रहे लाखों लोगों को इन सुविधाओं तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में स्वतंत्रता दिवस के भाषण में वित्तीय समावेशन के एक व्यापक कार्यक्रम की घोषणा की थी. इस दिशा में प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) को लॉन्च किया गया था. इस योजना के जरिए उन परिवारों को एक बेसिक बैंक अकाउंट मिला, जिनके पास अब तक कोई खाता नहीं था. अब इस योजना के तहत देश में इतने बैंक अकाउंट खुल चुके हैं, जितनी कुछ देशों की जनसंख्या भी नहीं है. इस योजना के तहत 48.65 करोड़ लाभार्थियों के बैंक अकाउंट खुले हैं और इन अकाउंट्स में कुल 198,844 करोड़ बैलेंस है. 

बड़ी संख्या में महिलाओं ने लिया हिस्सा

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इस योजना के तहत बड़ी संख्या में ऐसी महिलाओं ने भी बैंकिंग की दुनिया में कदम रखा है, जो पहले इससे दूर थीं. पहले महिलाओं को लेकर समाज में ये सोच थी कि उन्हें बैंक खातों की क्या जरूरत है ? केवल इतना ही नहीं इसे लेकर उनसे तमाम तरह के सवाल-जवाब भी होते थे. जैसे कि उनसे अक्सर ये पूछ लिया जाता था कि पैसा है क्या खाते में डालने के लिए ? लेकिन केंद्र में पीएम मोदी की सरकार बनने के बाद लोगों की इस मानसिकता में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. दरअसल, बीते 8-9 वर्षों में सरकार ने समाज को ये समझाने का कार्य किया है कि बैंक खाता मतलब सिर्फ पैसा नहीं होता, बीमा भी होता है, गैस भी होता है, महामारी से बचाव भी होता है. 

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सरकार कर रही पाई-पाई से गरीब की भलाई

बैंक खाता खोलना एक छोटा कदम लग सकता है, लेकिन यह 'न्यू इंडिया' की नारी शक्ति के जीवन में एक बड़ा बदलाव ला रहा है. वर्तमान में सरकार नारी शक्ति के 26 करोड़ से अधिक जन धन बैंक खाते खोलकर 'पाई पाई से गरीब की भलाई' सुनिश्चित कर रही है. जी हां, जहां इस योजना के तहत 26 करोड़ महिला लाभार्थियों को लाभ प्राप्त हो रहा है वहीं देश में तकरीबन 48 करोड़ लाभार्थी इस योजना से जुड़ चुके हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि जन धन योजना ने देश की लाखों महिलाओं को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया है. इस पहल ने खासतौर से नारी शक्ति के जीवन को बहुत प्रभावित किया है.

खोले नई संभावनाओं का द्वार

यह योजना केवल बैंक खाते खोलने के बारे में नहीं है, बल्कि यह नई संभावनाओं का द्वार भी बनी है. इसने करोड़ों महिला लाभार्थियों के जीवन को आसान बनाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है. इस योजना के तहत न केवल खाते में जमा राशि पर ब्याज मिलता है बल्कि बीमारी में बीमा कवर, पेंशन, बीमा उत्पादों तक पहुंच, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को इन खातों से लाभ अंतरण प्राप्त होता है.

कुछ देशों की जनसंख्या से ज्यादा हमारे पास जनधन अकाउंट

जन धन योजना की सफलता को दुनिया भी स्वीकार कर रही है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानि IMF स्वयं इस बात को स्वीकार कर चुका है कि जन धन ने बैंक खातों और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच को व्यापक बनाया है. जी हां, साल 2011 में 3 में से केवल 1 व्यक्ति के पास बैंक खाता हुआ करता था, अब 80% से भी अधिक लोगों के पास बैंक खाते हैं. अब यूएस, कनाडा और ब्रिटेन की कुल जनसंख्या से भी अधिक है भारत में जन धन खाते हैं. इतना ही नहीं, इस योजना के पास अपना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है. साल 2014 में 23 अगस्त से 29 अगस्त के बीच यानी एक हफ्ते में सबसे ज्यादा 18,096,130 बैंक अकाउंट खोले गए थे.

कोविड महामारी में बना रक्षा कवच

कोविड-19 महामारी के समय 31,000 करोड़ रुपए सीधे जन धन योजना की महिला लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित किए गए. इस योजना ने कोविड महामारी में देशवासियों का रक्षा कवच बनकर काम किया. कोविड के दौरान सरकार ने महिलाओं के जनधन खातों में 1500 रुपये ट्रांसफर किए. केवल इतना ही नहीं योजना के अंतर्गत जन धन खाताधारकों को अब तक 33 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए जा चुके हैं. रुपे कार्ड पर नि:शुल्क दुर्घटना बीमा कवर बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया गया.

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क्या है प्रधानमंत्री जन-धन योजना? (PM Jan Dhan Yojana)

प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन मिशन है जो वहनीय तरीके से वित्तीय सेवाओं, बैंकिंग/बचत और जमा खाते, विप्रेषण, ऋण, बीमा, पेंशन तक पहुंच सुनिश्चित करता है. इसका खाता किसी भी बैंक शाखा या व्यवसाय प्रतिनिधि (बैंक मित्र) आउटलेट में खोला जा सकता है. सबसे बड़ी बात है कि PMJDY खातों को जीरो बैलेंस के साथ खोला जा सकता है.

(रिपोर्ट: PBNS)

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