आपके सैलरी अकाउंट पर मिलते हैं कई बड़े फायदे, नहीं है जानकारी तो समझ लें
Written By: सुचिता मिश्रा
Thu, Sep 26, 2024 10:50 AM IST
सैलरी अकाउंट (Salary Account) भी सेविंग्स अकाउंट ही होता है लेकिन उसे सैलरी अकाउंट इसलिए कहा जाता है क्योंकि उसमें हर महीने आपकी सैलरी क्रेडिट होती है. सैलरी अकाउंट और सेविंग्स अकाउंट में बड़ा अंतर ये है कि सैलरी अकाउंट नियोक्ता की रिक्वेस्ट पर बैंक की ओर से खोला जाता है ताकि कर्मचारी की सैलरी को उस अकाउंट में क्रेडिट किया जा सके. वहीं सेविंग्स अकाउंट को व्यक्ति खुद खुलवाता है ताकि अकाउंट में पैसा रख सके या सेविंग्स कर सके. सामान्य सेविंग्स अकाउंट की तुलना में सैलरी अकाउंट पर कुछ विशेष बेनिफिट्स मिलते हैं. अगर आपने नोटिस नहीं किया तो अब जान लें इस बारे में.
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जीरो बैलेंस की सुविधा
सैलरी अकाउंट पर सबसे बड़ा फायदा जीरो बैलेंस सुविधा का मिलता है. आमतौर पर आपके सेविंग्स अकाउंट में अगर मिनिमम बैलेंस न हो तो बैंक आपसे पेनल्टी वसूलते हैं. लेकिन सैलरी अकाउंट में अगर जीरो बैलेंस भी हो तो भी किसी तरह की पेनल्टी नहीं लगती. सैलरी अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने की कोई बाध्यता नहीं होती है.
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आसानी से अप्रूव होते हैं लोन
सैलरी अकाउंट के जरिए पर्सनल लोन, कार लोन या होम लोन वगैरह आसानी से अप्रूव हो जाते हैं क्योंकि बैंक स्टेटमेंट के जरिए आपकी आमदनी का पुख्ता सबूत बैंक के पास होता है. ऐसे में आपकी लोन लेने की पात्रता बेहतर होती है और बैंक आपकी इनकम को लेकर आश्वस्त होते हैं. ऐसे में लोन के लिए डॉक्यूमेंट्स का सत्यापन भी आसानी से हो जाता है.
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