क्या आप भी मोबाइल वॉलेट इस्तेमाल करते हैं? क्या आप भी वॉलेट से अपने बैंक अकाउंट को जोड़कर रखते हैं? अगर हां तो ये खबर आपके बहुत काम की है. क्योंकि, अगर केवाईसी के चक्कर में आपने कोई ऐप डाउनलोड की तो इन वॉलेट्स के जरिए आपका अकाउंट खाली हो सकता है. भारत के सबसे बड़ी मोबाइल वॉलेट कंपनी पेटीएम ने ग्राहकों के लिए चेतावनी जारी की है. पेटीएम ने कहा है कि केवाईसी कराने के चक्कर में आप फंस सकते हैं इसलिए ध्यान देना बहुत जरूरी है.

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KYC कराते हुए ध्यान रखें

Paytm ने चेतावनी जारी कर कहा है कि अकाउंट की KYC करा रहे हैं तो आपको और भी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. पेटीएम ने नोटिफिकेशन जारी कर यूजर्स को केवाइसी के लिए एनीडेस्क और क्विकस पॉर्ट जैसे ऐप डाउनलोड नहीं करने की सलाह दी है. कंपनी का कहना है कि पेटीएम एग्जिक्यूटिव के जरिए ही केवाईसी पूरा कराएं.

खाली हो सकता है अकाउंट

PayTm के अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि अगर आप KYC कराने के लिए इस तरह के ऐप का इस्तेमाल करते हैं तो जालसाज आपका अकाउंट खाली कर सकता है. पिछले दिनों रिमोट ऐप जैसे एनी डेस्क और टीम व्यूअर से की जाने वाली धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं.

आरबीआई भी कर चुका है अलर्ट

साल 2019 की शुरुआत में ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी इस तरह की ऐप से सावधान रहने की सलाह दी थी. आरबीआई ने अलर्ट किया था कि कई बैंकों के नाम से इस ऐप को डाउनलोड करने की सलाह दी जाती है. लेकिन, ऐसे ऐप आपके फाइनेंस को झटका दे सकते हैं. एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और एक्सिस ने भी अपने ग्राहकों को इन ऐप को डाउनलोड नहीं करने के लिए एसएमएस और ई-मेल के जरिए सूचित किया है.

कैसे होती है धोखाधड़ी?

लोगों को फंसाने के लिए जालसाज फर्जी बैंक एग्जिक्यूटिव बनकर फोन करते हैं. ग्राहकों को बैंक अकाउंट से जुड़ी किसी दिक्कत की जानकारी दी जाती है. ग्राहकों को डराया भी जाता है कि स्टेप्स फॉलो नहीं करने पर नेट बैंकिंग ब्लॉक की जा सकती है. ब्लॉक होने की बात सुनते ही ज्यादातर ग्राहक इनके झांसे में फंस जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि बैंक से ही कॉल है या नहीं इसे कन्फर्म जरूर करें.

कोड के जरिए हैक होता है फोन

धोखाधड़ी करने वाले अक्सर ग्राहकों को रिमोट ऐप इंस्टॉल करने को कहते हैं. ऐप इंस्टॉल करने के बाद ग्राहक से वेरिफिकेशन के लिए 9 डिजिट का कोड मांगा जाता है. यह वही कोड होता है जिससे आपकी डिवाइस का पूरा एक्सेस हैकर के पास पहुंच जाता है. आपको पता भी नहीं चलता की आपका फोन अब उसके इशारों पर चल रहा है. इसके बात वे डिवाइस की स्क्रीन को लगातार मॉनिटर करते हैं.

चुरा लेते हैं आपकी बैंकिंग डीटेल

डिवाइस को मॉनिटर करते वक्त ही जालसाज आपकी पूरी डीटेल्स चुरा लेता है. इस रिकॉर्ड भी मेनटेन किया जाता है. ऐप डाउनलोड करने के बाद ग्राहक जब भी मोबाइल बैंकिंग, पेटीएम या दूसरे मोबाइल वॉलेट से UPI के जरिए पेमेंट करता है तो उसकी पूरी लॉग इन डीटेल हैकर के पास पहुंच जाती है. इसके बाद वह आपका अकाउंट पूरी तरह खाली कर सकता है.

बचने के लिए अपनाएं ये टिप्स

बैंकिंग डीटेल्स लीक और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए किसी भी रिमोट ऐप को डाउनलोड या इंस्टॉल ना करें. अगर किसी वजह से यह ऐप डाउनलोड करते भी हैं तो वेरिफिकेशन कोड किसी से शेयर न करें. चाहें वो बैंक या मोबाइल वॉलेट कंपनी एक्जिक्यूटिव ही क्यों न हो. ध्यान दें, कोई बैंक कभी भी अपने ग्राहक से कोई ऐप डाउनलोड करने को नहीं कहता.