Money Guru: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है. इसके बाद हर उस लोन की ईएमआई (EMI) चुकाने वालों पर भार बढ़ना तय है. यानी होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan) की मासिक किस्त में बढ़ोतरी होगी. ऐसे में सवाल है कि आखिर कर्ज का बोझ कैसे घटाएं. फिक्स्ड इनकम में कहां निवेश सही है. इसके लिए निवेश की सटीक स्ट्रैटेजी क्या हो, इस पर वाइजइन्वेस्ट के सीईओ, हेमंत रुस्तगी और लोन टैप के सीईओ, सत्यम कुमार से समझने की कोशिश करते हैं.

ब्याज दरें बढ़ी

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RBI ने ब्याज दरें 0.25% तक बढ़ाई

रेपो रेट (Repo Rate) बढ़कर 6.50% हुई

लगातार छठवीं बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी

मई से अबतक 2.50% तक बढ़ी ब्याज दरें

कब कितनी बढ़ी दरें?

तारीख                       रेपो रेट              

04 मई 2022       4.40%              

08 जून 2022       4.90%              

05 अगस्त 2022     5.40%              

30 सितंबर 2022     5.90%            

07 दिसंबर 2022     6.25%        

08 फरवरी 2023     6.50%

बढ़ी दर-EMI पर असर?

सभी प्रकार के लोन महंगे होंगे

रेपो रेट लिंक्ड लोन रेट बढ़ेंगे

होम लोन, कार लोन पर बढ़ेगी EMI

होम लोन की अवधि या EMI बढ़ेगी

EMI बढ़ने पर मौजूदा बचत कम होगी

फ्लोटिंग रेट में ब्याज दरों का सीधा असर

फिक्स्ड रेट में दरों में बदलाव का असर नहीं पड़ता

बढ़ती दर- अब तक कितना असर?

लगातार बढ़ती दरों का बोझ बैंकों ने ग्राहकों पर डाला

ज्यादातर बैंकों ने होम लोन पर 200 बेसिस प्वाइंट बढ़ाए

लंबी अवधि का होम लोन 20% तक हुआ महंगा

छोटी अवधि के लोन की EMI 10% तक बढ़ी

₹25 लाख का होम लोन

लोन अवधि               15 साल  

मौजूदा दर                 8.85%

EMI                        ₹25134          

नई दर                      9.10%

नई EMI                    ₹25506

कुल बढ़त                 ₹372

₹5 लाख का पर्सनल लोन

लोन अवधि                 3 साल

मौजूदा दर                 12.35%

EMI                        ₹16691

नई दर                      12.60%

नई EMI                    ₹16,751

कुल बढ़त                  ₹60

₹5 लाख का कार लोन

लोन अवधि                 5 साल

मौजूदा दर                 10.35%

EMI                        ₹10710

नई दर                      10.60%

नई EMI                     10,772

कुल बढ़त                 62

EMI का बोझ,कैसे कम करें?

लोन का बोझ कम करने के लिए प्री-पेमेंट अच्छा विकल्प

साल में एक बार EMI कम से कम 5% बढ़ाएं

5% से लोन प्री-पे करने पर 20 साल का लोन 12 साल में खत्म होगा

लोन का शुरुआती अवधि में प्री-पेमेंट करना बेहतर

लोन के शुरुआती सालों में ब्याज कंपोनेंट ज्यादा रहता है

लोन अवधि के शुरुआती प्री-पेमेंट से प्रिंसिपल राशि में कटौती का फायदा

प्री-पेमेंट कैसे करें?

बीच-बीच में एकमुश्त प्री-पेमेंट कर सकते हैं

हर महीने सिस्टमैटिक पार्ट पेमेंट भी कर सकते हैं

खर्च से अतिरिक्त राशि बचे,तो प्री-पेमेंट कर सकते हैं

बोनस का इस्तेमाल,लोन प्री-पेमेंट में कर सकते हैं

फ्लोटिंग रेट या फिक्स्ड रेट पर लोन,ये ध्यान रखें

G-sec पर असर

तारीख                          रेपो रेट          FD रेट        G-Sec

04 मई 2022               4.40%           5.45%       7.37%              

08 जून 2022              4.90%           5.45%       7.49%          

05 अगस्त 2022          5.40%           5.45%       7.35%            

30 सितंबर 2022         5.90%           5.60%       7.36%        

07 दिसंबर 2022          6.25%          6.10%       7.27%  

08 फरवरी 2023          6.50%          6.25%       7.31%

बढ़ी दर,निवेश पर असर

बढ़ती दरों का असर FD पर अच्छा पर धीमा

बैंक FD की दरों के वास्तविक बदलाव में समय लगता है

बढ़ती दरों में G-Sec में निवेश अच्छा विकल्प

रेप रेट बढ़ने पर G-Sec में ऊंची दर पर निवेश लॉक-इन करने का अवसर

TMF यानि टारगेट मैच्योरिटी फंड में निवेश का अच्छा मौका

टारगेट मेच्योरिटी फंड में निवेश

ऊंची ब्याज दर पर निवेश लॉक-इन करने का मौका

ब्याज दरों के बदलाव में जोखिम कम करने में कारगर

इसमें बाकी निवेश विकल्प के मुकाबले ज्यादा लिक्विडिटी

उच्च क्वालिटी बॉन्ड और कम क्रेडिट रिस्क का फायदा

टारगेट मैच्योरिटी फंड में कभी भी एंट्री और एग्जिट

टारगेट मैच्योरिटी फंड में बेहतर रिटर्न

टारगेट मैच्योरिटी फंड में मिलता है इंडेक्सेशन लाभ

डेट फंड में निवेश

डेट फंड पर बढ़ती दरों का नेगेटिव असर

3 साल तक के शॉर्ट ड्यूरेशन फंड अच्छा विकल्प

अपने निवेश का स्कीम की अवधि से मिलान करें

लॉन्ग ड्यूरेशन बॉन्ड फंड में जाने से बचें

शॉर्ट ड्यूरेशन फंड,कॉरपोरेट बॉन्ड फंड,बैंकिंग एंड PSU फंड लें

आगे दरों में स्थिरता आने के संकेत

लोन पर पेनाल्टी-बदलेंगे नियम

लोन पर पेनल्टी चार्ज में पारदर्शिता के लिए आएंगे नियम

फिक्स्ड ब्याज वाले लोन, चेक बाउंस पर लगती है पेनल्टी

EMI समय पर नहीं देने पर भी लगाई जाती है पेनल्टी

समय पर EMI नहीं भरने पर करीब 1-2% हर महीने ब्याज

ये ब्याज लोन के ब्याज के ऊपर लगाया जाता है

लोन पर कितनी पेनल्टी?

फिक्स्ड रेट वाले लोन पर करीब 2% चार्ज लगता है

पेनल्टी के साथ बाकी चार्ज भी देना पड़ता है

पेनल्टी/लेट फीस के चार्ज को लेकर कोई नियम नहीं

हर बैंक अपनी पेनल्टी/लेट फीस चार्ज खुद तय करते हैं.

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