MCLR Hike: सरकारी बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) के ग्राहकों के लिए बड़ा झटका है. इंडियन ओवरसीज बैंक ने मार्जिन कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट यानी MCLR में बढ़ोतरी की घोषणा की है. एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, सरकारी बैंक MCLR में 0.05 से 0.10 फीसदी तक की बढ़ोतरी करेगी. बैंक ने कहा कि सोमवार से MCLR दरों में बढ़ोतरी होगी. बता दें कि MCLR वह न्यूनतम दर है जिसके नीचे बैंक को लोन देने की अनुमति नहीं है. यानी की यह बैंक की लोन देने की न्यूनतम दर है.

क्या हैं IOB के MCLR Rate?

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IOB के मुताबिक, ओवरनाइट एमसीएलआर 8.05 फीसदी है, जो पहले 8 फीसदी था. एक महीने के MCLR 5 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 8.25 हो गया, जो पहले 8.20 फीसदी थी. वहीं, 3 महीने की एमसीएलआर अब 8.45 फीसदी है जो पहले 8.40 फीसदी था. छह महीने की एमसीएलआर 8.70 फीसदी है जो पहले 8.65 फीसदी थी. वहीं एक साल की एमसीएलआर 8.85 फीसदी है जो पहले 8.80 फीसदी था. जबकि दो साल की एमसीएलआर अब 8.85 फीसदी है जो पहले 8.80 फीसदी था. 3 साल की एमसीएलआऱ में 10 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी हुई है. अब एमसीएलआर 8.85 फीसदी से बढ़कर 8.95 फीसदी हो गया.

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MCLR क्या होता है?

MCLR यानी Marginal Cost of Funds Based Lending Rate. यह वह न्यूनतम दर होती है जिसके नीचे कोई भी बैंक ग्राहकों को लोन नहीं दे सकता है. यानी कि इस रेट के नीचे बैंक ग्राहकों को लोन नहीं दे सकते, और ये जितना बढ़ेगा, लोन पर ब्याज भी उतना ही ऊपर जाएगा. बैंकों के लिए हर महीने अपना ओवरनाइट, एक महीने, तीन महीने, छह महीने, एक साल और दो साल का एमसीएलआर घोषित करना अनिवार्य होता है.

MCLR बढ़ने का मतलब है कि मार्जिनल कॉस्ट से जुड़े लोन जैसे- होम लोन, व्हीकल लोन पर ब्याज दरें बढ़ जाएंगी. लेकिन ये ध्यान रखें कि MCLR रेट बढ़ने पर लोन पर ब्याज दरें तुरंत नहीं बढ़ती हैं. लोन लेने वालों की EMI रीसेट डेट पर ही आगे बढ़ती है.