Loan Recovery: अक्सर लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से कई तरीके के लोन लेते हैं. हर महीने के फिक्स डेट को लोन चुकाना होता है. कभी -कभी इस मामलों में रिकवरी एजेंट्स की मनमानी और जबरदस्ती के ढेरों मामले सामने आते हैं. जिसमें लोग अगर फिक्स डेट पर लोन नहीं चुका पाते तो बैंक उन्हें डराया- धमकाया जाता है. जानकारी के अभाव में लोग कुछ कर नहीं पाते. अगर लोग अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होंगे तो रिकवरी एजेंट उन्हें प्रताड़ित नहीं कर पाएंगे. प्रताड़ित करने पर पुलिस और उपभोक्ता अदालत में शिकायत देकर हर्जाना मांग सकते हैं.

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पहले बैंक भेजता है रिमाइंडर पटियाला हाउस कोर्ट के वकील महमूद आलम कहते हैं कि अगर आप लोन की दो ईएमआई नहीं देते हैं, तो बैंक सबसे पहले आपको रिमाइंडर भेजता है. अगर आप अपने होम लोन की लगातार तीन किस्तों का भुगतान करने से चूक जाते हैं, तो बैंक आपको ऋण चुकाने के लिए एक कानूनी नोटिस भेजता है. मगर चेतावनी के बाद भी अगर आपने ईएमआई पूरी नहीं की तो बैंक की तरफ से आपको डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा. किस तरह से होगी वसूली अगर किसी कर्जदार की मौत हो जाती है तो ऐसी हालत में बैंक इंश्योरेंस कंपनी से कर्ज वसूलता है. इसके अलावा इस लोन को बैंक कर्जदार के वारिस से भी वसूल सकता है. अगर आप समय से लोन नहीं चुकाते हैं तो इससे आपका रिकॉर्ड खराब हो जाता है और आपका क्रेडिट स्कोर बिगड़ जाता है. ऐसे में आपको अगली बार बैंक से लोन आसानी से नहीं मिल पाता. अगर किसी तरह जुगाड़ से आपने लोन ले भी लिया तो आपको सख्त नियमों और शर्तों के साथ ऊंची ब्याज दरों पर लोन मिलेगा. बैंक डिफॉल्टरों का पता कैसे लगाते हैं? बैंक के पास आपकी सारी डिटेल के साथ के साथ तीन गारंटर का फोन नंबर और उनका पता होता है. जिससे वह आपके पास आसानी से पहुंच जाते हैं. चाहे आप अपना पता ही क्यों न बदल लें, किसी को डराना धमकाना अपराध सुप्रीम कोर्ट ने कर्ज की वसूली के लिए एजेंट के जरिए धमकाना, दुर्व्यवहार करना और प्रताड़ित किए जाने को अपराध माना है. अगर कोई रिकवरी एजेंट  लोन को लेकर अगर डराता, धमकाता है तो आप इसकी शिकायत बैंक के साथ-साथ थाने में भी करें. किस्त नहीं चुका पाना सिविल विवाद के दायरे में आता है. ऐसे में डिफॉल्टर के साथ बैंक या उसका कोई रिकवरी एजेंट मनमानी नहीं कर सकता. क्या है नियम इसको लेकर कई तरह के नियम बनाए गए हैं. जैसे रिकवरी एजेंट recovery tribunal में जाकर रिकवरी कर सकते है. आरबीआई के मुताबिक, लोन एजेंट किसी भी करदाता यानी जिसने लोन लिया हैं. उसको सुबह 8 बजे के पहले और शाम 7 बजे के बाद कॉल नहीं कर सकती हैं. इसके बाद भी बहुत से नियम हैं जिनका पालन करना होता है. इसके साथ ही कर्जदारों को अनुचित मैसेज न भेजने की भी हिदायत दी जाती हैं. लोन न चुकाने पर नहीं होगी जेल अगर loan नहीं चुका पाने का आपका reason genuine है, तो loan लेने वाले को जेल नहीं होगी. यदि उधारकर्ता की अचानक मृत्यु हो जाती है, और यदि Bank ने पहले ही इस परिस्थिति को भांप लिया होता है. तो इस मामले में, Bank पहले ही Loan का बीमा कर चुका होता है, जिसका भुगतान उधारकर्ता के परिवार से लिया जाता है. लोन वसूली करते वक्त पुलिस को साथ ले जाना जरूरी है.