RBI MPC Highlights: रिजर्व बैंक ने 0.25% ब्याज दरें बढ़ाई, 1 अगस्त 2018 के बाद रेपो रेट की सबसे ऊंची दर; बढ़ेगी लोन की EMI
RBI MPC Highlights: रिजर्व बैंक गवर्नर ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी का एलान किया है. इस साल ब्याज दरों में यह 6वीं बढ़ोतरी है. रेपो रेट बढ़कर 6.50 फीसदी हो गया है. मॉनेटिरी पॉलिसी के 6 में से 4 सदस्य रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में रहे. 1 अगस्त 2018 के बाद यह रेपो रेट की सबसे ऊंची दर है.
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RBI MPC Meeting LIVE: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर शक्तिकांता दास ने (RBI Governor Shaktikanta Das) बुधवार को मॉनेटरी पॉलिसी जारी की. रिजर्व बैंक गवर्नर ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी का एलान किया है. इस साल ब्याज दरों में यह 6वीं बढ़ोतरी है. रेपो रेट बढ़कर 6.50 फीसदी हो गया है. मॉनेटिरी पॉलिसी के 6 में से 4 सदस्य रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में रहे. 1 अगस्त 2018 के बाद यह रेपो रेट की सबसे ऊंची दर है. पॉलिसी का एलान करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई में नरमी आई है और इसके आउटलुक पर MPC की नजर है. रेपो रेट में बढ़ोतरी का असर होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan) और पर्सनल होन (Personal Loan) की EMI पर पड़ेगा.
इकोनॉमी के लिए अच्छे संकेत
L&T फाइनेंस होल्डिंग्स लिमिटेड के एमडी एंड सीईओ दीनानाथ दुभाशी का कहना है, आरबीआई की ओर से आज की मॉनेटरी पॉलिसी के बाद डिपॉजिट और लेडिंग रेट्स में बदलाव देखने को मिलेगा. घरेलू सेविंग्स बढ़ेगी और और ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा. रिजर्व बैंक का देश की इकोनॉमिक ग्रोथ को लेकर भरोसा बहुत उत्साहजनक है और इसने वैश्विक अनिश्चितता वाले माहौल के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अच्छे संकेत मिल रहे हैं.
अगली पॉलिसी में दरें स्थिर रहने की उम्मीद: महेंद्र जाजू
मिरे एसेट म्यूचुअल फंड (फिक्स्ड इनकम) महेंद्र जाजू, सीआईओ का कहना है, आरबीआई ने रेपो दर को 25 बेसिस प्वॉइंट बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया, जैसा कि बाजार का पहले से अनुमान था. हाल के दिनों में महंगाई के अनुमान में मामूली कमी आई है और FY24 के लिए महंगाई दर का अनुमान अभी भी 5 फीसदी से ऊपर बना हुआ है. रिजर्व बैंक की ओर से गाइडेंस को लेकर लगातार सतर्कता और सावधानी बरती जा रही है. ग्रोथ को लेकर अनुमान में मामूली सुधार अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छा संकेत दे रहा है. मौजूदा समय में जबकि बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है, आने वाले आंकड़े अगले कुछ महीनों में महंगाई में और कमी आने का संकेत दे रहे हैं. इसलिए, बाजार को उम्मीद है कि अगली मौद्रिक नीति के बाद से नीतिगत दरें स्थिर रहेंगी. हालांकि आरबीआई की ओर से रेपो रेट बढ़ाए जाने के तत्काल प्रतिक्रिया के रूप में 10 साल के सरकारी बॉन्ड यील्ड में 3-4 बीएलएस की बढ़ोतरी हुई है. लेकिन उम्मीद की जा रही है कि फिलहाल वे 7.20-7.40 के मौजूदा बैंड में रेंज बाउंड रहेंगे. नीतिगत दरों में एडजस्टमेंट यानी के अनुरूप शॉर्ट टर्म दरों के ऊपर की ओर बढ़ने की संभावना है.
RBI के लिक्विडिटी मैनेजमेंट पर बॉन्ड मार्केट की नजर
पीजीआईएम म्यूचुअल फंड के हेड- फिक्स्ड इनकम, पुनीत पाल का कहना है, नेटरी पॉलिसी कमिटी ने "विद्ड्रॉल ऑफ अकोमेडेशन" रुख को बनाए रखते हुए 4-2 बहुमत के साथ उम्मीद के मुताबिक नीतिगत दरों में 25 बीपीएस की बढ़ोतरी की है. 25 बीपीएस बढ़ोतरी का अनुमान पहले से था, हालांकि रुख में कोई बदलाव न होने से बाजार को थोड़ी निराशा हुई. क्योंकि बाजार के कुछ सेक्शन स्टेंस को "अकोमोडेटिव" में बदलने की उम्मीद कर रहे थे. एमपीसी और आरबीआई गवर्नर के बयान ने कोर इनफ्लेशन पर चिंता जाहिर की है. हमारा मााना है कि, घरेलू स्तर पर महंगाई के अलावा आरबीआई का पॉलिसी को लेकर निर्णय ग्लोबल केंद्रीय बैंकों, विशेष रूप से यूएस फेड से भी प्रभावित होता रहेगा. घरेलू स्तर पर लिक्विडिटी मैनेजमेंट के लिए आरबीआई क्या करता है, इस पर भी बॉन्ड मार्केट की नजर रहेगी. हमारी सलाह है, निवेशकों को अपनी रिस्क लेने की क्षमता के मुताबिक डायनेमिक बॉन्ड फंड श्रेणी को चुनते हुए शॉर्ट ड्यूरेशन वाले उत्पादों में अपना निवेश बढ़ाना चाहिए.
महंगाई-ग्रोथ में संतुलन बनाने वाला कदम
नाइट फ्रेंक के सीएमडी शिशिर बैजल का कहना है, रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी रिजर्व बैंक का संतुलित रुख है. महंगाई और ग्रोथ में संतुलन बनाने के लिहाज से यह अच्छा कदम है. यह इंडस्ट्री की उम्मीद के मुताबिक रहा. SDF और MSF में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया है. जोकि सिस्टम से सरप्लस लिक्विडिटी वापस लेने में मददगार होगा और इकोनॉमी में महंगाई को स्थिर बनाने में मदद मिलेगी. रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद बरोइंग कॉस्ट में 10-15 बेसिस प्वाइंट का इजाफा हो सकता है. हालांकि, हाउसिंग सेक्टर में ब्याज दरें बढ़ने का सीमित असर होगा.
TReDS पर एलान से MSMEs को फायदा
कामा ज्वैलरी के एमडी कॉलिन शाह का कहना है, RBI रेपो रेट में बढ़ोतरी उम्मीद के मुताबिक है. आरबीआई गवर्नर की महंगाई और ग्रोथ पर कमेंट्री से उम्मीद है कि आगे ज्यादा से ज्यादा एक और रेट हाइक हो सकता है. केंद्रीय बैंक का फोकस ग्रोथ पर है. अकोमेडैटिव पॉलिसी रुख वापसी से रिकवरी और प्राइस स्टैबिलिटी को सपोर्ट मिलेगा. ट्रेड रिसिवेबल्स डिसकाउंटिंग सिस्टम (TReDS) का दायरा बढ़ाने से एक्सपोर्ट को लेकर MSMEs को फायदा होगा.
ग्रोथ आउटलुक अनुमान से ज्यादा: ICRA
रेटिंग एजेंसी ICRA की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा कि H2 FY2024 के लिए एमपीसी का ग्रोथ आउटलुक हमारे अनुमान से ज्यादा है. हालांकि, पोटेंशियल जीडीपी के हमारे आकलन के समान है. अगर आगे महंगाई एमपीसी के अनुमानल से ज्यादा रहती है, तो रेट हाइक हो सकता है. हालांकि आरबीआई का फोकस अकोमोडेशन रुख की वापसी पर फोकस बना हुआ है. हमारा मानना है कि MPC FY2024 में विजिलेंट और डेटा पर निर्भर रहेगी.
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