भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक से कुछ दिन पहले पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के प्रबंध निदेशक (MD) अतुल कुमार गोयल ने कहा है कि ब्याज दरें अपने उच्चतम स्तर पर हैं और इस साल के अंत तक इनमें कमी आनी चाहिए. मौद्रिक नीति समिति (MPC) के लगातार आठवीं बार नीतिगत दर रेपो (Repo Rate) को यथावत रखने की उम्मीद है.

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मौद्रिक नीति समिति की बैठक पांच जून को शुरू होने वाली है. समिति का निर्णय सात जून को घोषित किया जाएगा. गोयल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ ब्याज दरें वृद्धि, मुद्रास्फीति, अन्य देशों की मौद्रिक नीति रुख जैसे कई कारकों पर निर्भर हैं. मुझे लगता है कि दरें चरम पर पहुंच गई हैं. मुझे लगता है कि कुछ समय बाद, शायद इस साल के अंत तक, हम ब्याज दरों में कुछ कमी देख सकते हैं.’’ 

गोयल ने कहा कि जमा दर में वृद्धि नहीं होनी चाहिए, क्योंकि 95 प्रतिशत जमाओं (डिपॉजिट) पर पहले दरें पहले ही बदल चुकी हैं. गोयल ने कहा कि खुदरा, कृषि और एमएसएमई (आरएएम) बैंक के लिए ध्यान देने वाले क्षेत्र होंगे, लेकिन अच्छे कॉरपोरेट कर्ज के वित्तपोषण से पीछे नहीं हटेंगे. 

उन्होंने कहा, ‘‘ कुल ऋण में आरएएम की हिस्सेदारी करीब 55 प्रतिशत है. हम अगले चार से पांच वर्षों में इस संख्या को करीब 60 प्रतिशत तक बढ़ाना चाहते हैं. इस वर्ष हमने 57 प्रतिशत हासिल करने का लक्ष्य रखा है. जैसा कि मैंने आपको बताया कि हम देश के सबसे बड़े बैंकों में से एक हैं, हालांकि हमारा ध्यान आरएएम पर है, लेकिन अगर कोई अवसर आता है तो हम उसे हाथ से जाने नहीं देंगे.’’ 

वह बोले कि जहां तक ​​कॉरपोरेट ऋण का सवाल है, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, खासकर सड़कों को लेकर मांग बढ़ रही है. गोयल ने कहा, ‘‘ यहां तक ​​कि कुछ बड़ी कंपनियां भी अपनी क्षमता बढ़ाने की योजना बना रही हैं. इसलिए इस्पात क्षेत्र और यहां तक ​​कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र से भी मांग बढ़ रही है, जहां हम बेहद अधिक मांग देख रहे हैं.’’ 

पीएनबी ने अपनी वित्तीय स्थिति में लगातार सुधार देखा है और वित्त वर्ष 2023-24 में लाभ के मामले में इसने सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है. वित्त वर्ष 2023-24 में समाप्त वित्त वर्ष में 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पीएनबी 229 प्रतिशत की उच्चतम लाभ वृद्धि दर्ज सूची में शीर्ष पर रहा. 

बैंक का शुद्ध लाभ तीन गुना होकर 8,245 करोड़ रुपये हो गया. लाभप्रदता में सुधार की रणनीति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि खुदरा, कृषि और लघु, कुटीर एवं मझोले (एमएसएमई) उपक्रम खंड का विस्तार करने, अच्छा कॉरपोरेट ऋण देने और वसूली में सुधार आदि पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.