महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई रेपो रेट बढ़ा रही है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India-RBI) ने कुछ दिनों पहले पांचवीं बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है. रेपो रेट बढ़ने के साथ ही जहां लोन महंगे हो जाते हैं, वहीं एफडी (FD) पर ब्‍याज बढ़ने का फायदा भी ग्राहकों को मिलता है. जैसा कि एक्‍सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में आरबीआई फिर से रेपो रेट (Repo Rate) बढ़ा सकती है. इसका मतलब है कि एफडी पर भी भविष्‍य में इंटरेस्‍ट रेट्स बढ़ने की उम्‍मीद है.

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ऐसे में जो लोग पहले ही एफडी करवा चुके हैं, उन्‍हें एफडी के नई ब्‍याज दरों का लाभ नहीं मिल पाएगा क्‍योंकि ज्‍यादातर बैंकों में फिक्‍स्‍ड रेट्स एफडी (Fixed Rates FD) का विकल्‍प मिलता है. सामान्‍य एफडी में इंटरेस्ट रेट मैच्‍योरिटी के समय तक समान रहता है. इस बीच इंटरेस्‍ट रेट्स बढ़े या घटे, कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन मौजूदा वक्‍त को देखते हुए अगर आप एफडी पर लगातार बढ़ रही ब्‍याज दरों का लाभ लेना चाहते हैं तो फ्लोटिंग रेट्स फिक्‍सड डिपॉजिट (Floating Rates Fixed Deposit) का विकल्‍प चुन सकते हैं. 

क्‍या है फ्लोटिंग रेट्स फिक्‍सड डिपॉजिट

फ्लोटिंग रेट्स फिक्‍सड डिपॉजिट में ब्‍याज फिक्‍स नहीं होता, बल्कि मैच्‍योरिटी तक ब्‍याज दरों में बदलाव होता रहता है. जब-जब बैंक एफडी पर ब्‍याज बढ़ाता है तो आपको एफडी पर बढ़े हुए ब्‍याज का फायदा मिलता है और जब बैंक ब्‍याज दर घटाता है तो आपकी एफडी पर भी कम ब्‍याज मिलता है. सामान्‍य शब्‍दों में समझें तो बैंक के ब्‍याज बढ़ाने और घटाने का सीधा असर फ्लोटिंग रेट फिक्‍सड डिपॉजिट पर पड़ता है. लेकिन मौजूदा हालातों को देखते हुए फ्लोटिंग रेट्स एफडी आपके लिए बेहतर ऑप्‍शन बन सकता है. 

इन बैंकों में फ्लोटिंग रेट्स एफडी का विकल्‍प

अगर आप भी फ्लोटिंग रेट्स फिक्‍सड डिपॉजिट का फायदा लेना चाहते हैं, तो आईडीबीआई बैंक और यस बैंक में आपको ये विकल्‍प मिल सकता है. आईडीबीआई बैंक में हर तीन महीने के अंतराल पर (1 अप्रैल, 1 जुलाई, 1 अक्‍टूबर और 1 जनवरी) इंटरेस्‍ट को रीसेट किया जाता है. इसके अलावा आप यस बैंक में भी ये एफडी करवा सकते हैं. यस बैंक में आप 18 महीने और उससे अधिक की अवधि वाली एफडी पर 7.85% की ब्याज दर प्राप्त कर सकते हैं.

 

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