भारत के सबसे बड़े निजी बैंक HDFC Bank ने एक बड़ा फैसला लिया है. एचडीएफसी बैंक ने कंपनी छोड़कर जाने वाले कर्मचारियों का नोटिस पीरियड (Notice Period) 90 दिन से घटाकर 30 दिन कर दिया है. बताया जा रहा है कि इस बदलाव का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि इससे कर्मचारियों को अधिक लचीलापन मिल सके. हालांकि, सोशल मीडिया पर इसे लेकर अलग-अलग लोगों के अलग-अलग मत हैं.

क्या कहा है बैंक ने?

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एचडीएफसी बैंक की तरफ से भेजे गए एक ईमेल का स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. बैंक के एचआर विभाग ने ईमेल में लिखा है- 'प्रिय साथियों, हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि कंपनी के इस्तीफा देकर जाने वाले सभी कनफर्म कर्मचारियों का नोटिस पीरियड तुरंत प्रभाव से 90 दिन से घटाकर 30 दिन कर दिया गया है. जो कर्मचारी प्रोबेशन में हैं, उनका नोटिस पीरियड पहले की तरह ही 30 दिन रहेगा. नौकरी की बाकी सभी शर्तें एग्रीमेंट के मुताबिक ही पहले की तरह बनी रहेंगी.'

ICICI Bank ने भी किया था ऐसा

नोटिस पीरियड कम करने वालों में एचडीएफसी दूसरा प्राइवेट बैंक है. इससे पहले आईसीआईसीआई बैंक भी 2020 में अपने कर्मचारियों के नोटिस पीरियड को कम कर चुका है. वहीं  भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, कोटक महिंद्रा बैंक सहित तमान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अभी भी 90 दिन का नोटिस पीरियड है.

सोशल मीडिया पर अलग-अलग रिएक्शन

एचडीएफसी बैंक की तरफ से नोटिस पीरियड कम किए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर अलग-अलग बात कही जा रही है. कुछ लोगों का मानना है कि इससे बैंक और कर्मचारियों दोनों को फायदा होगा. कर्मचारियों को इस्तीफा देने के बाद भी ज्यादा दिन तक रुकना नहीं पड़ेगा, वहीं बैंक को बेहतर प्रोडक्टिविटी देखने को मिलेगी, क्योंकि नोटिस पीरियड में अधिकतर लोग आधे मन से काम करते हैं. नोटिस पीरियड कम होने को कुछ लोग ऐसे भी देख रहे हैं कि इससे कर्मचारियों की कंपनी से विदाई आसान हो जाएगी. वह इसे मंदी से जोड़ते हुए देख रहे हैं और कह रहे हैं कि उसी की तैयारी चल रही है.