RBI द्वारा रेपो रेट्स में इजाफा करने के बाद से कई बैंकों ने ब्याज दरों में इजाफा किया है. जिसके बाद से अब कर्ज महंगा हो गया है. अब इस लिस्ट में एक और और बड़े बैंक का नाम जुड़ गया है. हाल ही में प्राइवेट सेक्टर के बैंक डीसीबी बैंक ने अपने कस्टमर्स को एक बड़ा झटका दिया है. बैंक ने अलग-अलग ड्यूरेशन के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट में 0.27% की बढ़ोत्तरी कर दी है. जिसके बाद अब कस्टमर्स के लिए बैंक से लोन लेना महंगा हो जाएगा. बैंक द्वारा जारी की गई नई दरें 5 नवंबर 2022 से लागू कर दी गई हैं. DCB बैंक ने शेयर बाजारों को जानकारी दी कि 1 साल की MCLR की मौजूदा दर 9.96% है जो अब 10.23% होगी. इसी तरह 1 महीने, 3 महीने और 6 महीने की ड्यूरेशन वाली MCLR 9.63%, 9.79% और 10.02% कर दी गई हैं. एक दिन की MCLR रेट की बात करें तो ये 9.58% होंगी.

देनी होगी ज्यादा EMI 

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अब MCLR में हुई बढ़ोत्तरी के साथ टर्म लोन पर EMIS बढ़ने की भी उम्मीद है. कंज्यूमर लोन 1 साल के MCLR रेट के आधार पर होती है. ऐसे मेंMCLR के बढ़ने के बाद से पर्सनल लोन, ऑटो और होम लोन महंगे हो सकते हैं.

MCLR रेट क्या है 

MCLR( MARGINAL COST OF FUNDS BASED LANDING RATES) एक ऐसी दर है जिससे नीचे किसी दर पर फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन पैसा उधार नहीं दे सकते हैं. इसे भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुरू किया था. अक्सर बैंक इससे ज्यादा रेट्स पर ही लोन उपलब्ध कराते हैं. भारत में नोटबंदी के बाद इसे MCLR लागू कर दिया गया था. बैंकों से लोन रेट निर्धारित करने के लिए इस रेट की शुरूआत आरबीआई ( Reserve Bank Of India)  ने साल 2016 में की थी.  

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एमसीएलआर (marginal cost of lending rate) ही आधार दर

किसी भी बैंक से लोन लेने पर बैंक आधार दर से कम दर पर लोन नहीं देता है. आधार दर ही न्यूनतम दर होती है जिससे कम पर बैंक लोन नहीं उपलब्ध करवा सकता. 2016 से पहले बैंक आधार दर को ही इस्तेमाल में लाते थे. लेकिन साल 2016 के बाद से एमसीएलआर (MCLR)  ही आधार दर के रूप में इस्तेमाल की जाती है.