Myths about Credit Score: अगर आप लोन लेने जाते हैं तो सबसे पहले आपका क्रेडिट स्‍कोर देखा जाता है. क्रेडिट स्‍कोर को सिबिल स्‍कोर भी कहा जाता है. क्रेडिट स्‍कोर के जरिए बैंक या लोन देने वाली संस्‍था आपकी विश्‍वसनीयता को परखती है. क्रेडिट स्‍कोर 300 से 900 के बीच होता है. जितना बेहतर क्रेडिट स्‍कोर होता है, लोन उतनी ही आसानी से और बेहतर ब्‍याज दरों के साथ मिल जाता है. लेकिन क्रेडिट स्‍कोर को लेकर तमाम लोगों के दिमाग में कई तरह की गलतफहमियां हैं. इसलिए आप लोगों की कही-सुनी बातों में न आएं, सच को जानें और गलतफहमियों को दूर करें.

1. क्रेडिट स्‍कोर कम होने पर लोन नहीं मिलता

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तमाम लोग मानते हैं कि उनका क्रेडिट स्‍कोर कम है तो उन्‍हें बैंक से लोन नहीं मिलेगा. लेकिन ये बात पूरी तरह से सच नहीं है. क्रेडिट स्‍कोर कम होने से आपकी विश्‍वसनीयता पर फर्क जरूर पड़ता है. लेकिन लोन देते समय बैंक सिबिल स्कोर के साथ-साथ आपकी इनकम जैसी अन्य बातों पर भी विचार करती हैं. यदि आपके पास कम क्रेडिट रेटिंग है, तो आप अभी भी अपने वेतन, सालाना बोनस या अन्य अतिरिक्त इनकम स्रोतों में बढ़ोतरी के प्रमाण के साथ बैंक स्टेटमेंट दे सकते हैं और ये साबित कर सकते हैं कि आप लोन चुकाने के लिए सक्षम हैं. अगर ऐसा कुछ नहीं है, तो भी तमाम बैंक और लोन देने वाली संस्‍थाएं हैं जो Low Cibil Score के साथ भी लोन दे देते हैं. लेकिन ऐसे में वो ज्‍यादा ब्‍याज दर वसूल करते हैं. इसके अलावा अगर आपका स्‍कोर कम है और आपको सही ब्‍याज दर पर लोन नहीं मिल पा रहा है तो आप ज्‍वाइंट लोन का विकल्‍प भी चुन सकते हैं.

2. अच्‍छे क्रेडिट स्‍कोर के लिए क्रेडिट कार्ड का करें कम इस्‍तेमाल

तमाम लोग कहते हैं कि अच्‍छे क्रेडिट स्‍कोर को मेंटेन करने के लिए क्रेडिट कार्ड का कम इस्‍तेमाल करना चाहिए. दरअसल क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्‍यो को मेंटेन रखने के लिए क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30 फीसदी तक खर्च करने की सलाह दी जाती है, ताकि बैंक को ये मैसेज न जाए कि आपकी क्रेडिट कार्ड पर बहुत ज्‍यादा निर्भरता है. लेकिन अगर आप कभी जरूरत के समय 30 फीसदी से ज्‍यादा खर्च कर देते हैं और समय से इसे चुका देते हैं तो इससे आपके क्रेडिट स्‍कोर पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

3. बार-बार क्रेडिट स्‍कोर चेक करने से कम होता है सिबिल स्‍कोर

लोगों के बीच एक ये धारणा है कि अगर आप बार-बार क्रेडिट स्कोर (Credit Score) चेक करते हैं तो कम हो जाता है. लेकिन वास्‍तव में ऐसा कुछ नहीं है. इससे आपके क्रेडिट रिपोर्ट पर कोई असर नहीं होता. अगर आप समय-समय पर अपना क्रेडिट स्‍कोर चेक करते हैं तो इसका ये फायदा है कि आप अपने स्कोर को लेकर जागरुक रहते हैं और स्कोर गिरने पर तुरंत उसमें सुधार के लिए कदम उठा सकते हैं.

4. चेक बाउंस होने से भी क्रेडिट स्‍कोर गिरता है

तमाम लोगों का मानना है कि चेक बाउंस होने से भी क्रेडिट स्‍कोर गिरता है. लेकिन चेक बाउंस होने का सीधा असर सिबिल स्कोर पर नहीं पड़ता है. सिबिल स्कोर काफी हद तक आपके लोन को समय पर चुकाने की क्षमता पर निर्भर करता है. अगर आपका चेक बाउंस हो जाए, लेकिन आप तय समय पर अपनी लोन की किस्‍तें चुका रहे हैं, तो आपका सिबिल स्कोर कम नहीं होगा.

5. ज्‍यादा क्रेडिट कार्ड रखने से खराब हो सकता है क्रेडिट स्‍कोर

एक से ज्‍यादा क्रेडिट कार्ड रखने से क्रेडिट स्‍कोर नहीं गिरता है. बल्कि तमाम लोग अपनी क्रेडिट लिमिट को बढ़ाने के लिए एक से ज्‍यादा कार्ड रखते हैं. अगर आप एक से ज्‍यादा कार्ड का इस्‍तेमाल करते हैं और रीपेमेंट समय से करते हैं तो आपके क्रेडिट स्‍कोर पर कोई फर्क नहीं पड़ता. रीपेमेंट समय से न करने पर सिबिल स्‍कोर गिरता है.