भारत में जिस दिन से ऑनलाइन पेमेंट के लिए UPI का इस्तेमाल शुरू हुआ है, उस दिन से लगातार इसके माध्यम से होने वाले ट्रांजैक्शन की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. अक्टूबर, 2022 में हुए कुल UPI ट्रांजैक्शन्स की संख्या 7.7 प्रतिशत की बढ़त के साथ 730 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई, जिसकी वैल्यू 12.11 लाख करोड़ रुपये थी. बताते चलें कि सितंबर, 2022 में कुल 678 करोड़ यूपीआई ट्रांजैक्शन हुए थे, जिसकी वैल्यू 11.16 करोड़ रुपये थी. देश में जहां एक तरफ UPI का इस्तेमाल बढ़ रहा है वहीं दूसरी तरफ इससे होने वाले फ्रॉड के मामलों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

पैसा प्राप्त होने के लिए कभी नहीं होती UPI पिन की जरूरत

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

UPI के जरिए होने वाले ज्यादातर फ्रॉड के मामलों में देखा जाता है कि लोग बिना सोचे-समझे धोखेबाजों की बातों में आ जाते हैं और ईनाम के रूप में मिलने वाले अमाउंट को अपने खाते में रिसीव करने के लिए अपना 4 या 6 अंकों का UPI PIN डाल देते हैं. UPI पिन डालने के बाद जब उनके अकाउंट में पैसे आने के बजाय चले जाते हैं तब उन्हें मालूम चलता है कि वे साइबर फ्रॉड का शिकार हो गए हैं. UPI के जरिए लेनदेन करने वाले यूजर्स को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी पैसा रिसीव करने के लिए हमें UPI पिन डालने की जरूरत नहीं होती है. UPI पिन हमेशा पैसा देने के लिए डाला जाता है.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने दी चेतावनी

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने लोगों को धोखेबाजों और UPI के जरिए होने वाले साइबर से सावधान रहने के लिए लोगों को चेतावनी दी है. उपभोक्ता मामलों के विभाग ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट करके भी बताया है कि यूपीआई के जरिए पैसा प्राप्त करने के लिए कभी भी यूपीआई पिन न डालें. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके बैंक खाते में जमा आपके खून-पसीने की सारी कमाई को चुटकियों में उड़ाया जा सकता है और आपके पास पछताने के अलावा कोई दूसरा विकल्प भी नहीं होगा.