पिछले दिनों एक अपुष्ट खबर या अफवाह फैली कि केंद्र सरकार जल्द ही 2000 रुपये के नोट पर बैन लगाने के लिए बड़ा कदम उठा सकती है. अगर आप भी इस बात को लेकर कन्फ्यूजन में हैं तो अब आपको इसको लेकर भ्रम में रहने की जरूरत नहीं है, क्योंकि केंद्र सरकार ने इस मामले में संसद में ऑफिशियली स्टेटमेंट दिया है.

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चिंता करने की कोई जरूरत नहीं!

भविष्य में 2000 रुपये के नोट को वापस लेने की मोदी सरकार की योजना के बारे में सवाल पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा दिए गए एक जवाब के अनुसार, उन्होंने उन रिपोर्ट और अफवाह को खारिज कर दिया कि सरकार 2000 रुपये के नोट को वापस लेने के लिए तैयारी कर रही है. अनुराग ठाकुर ने कहा कि इसके बारे में चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "यह वास्तविक चिंता है जो अब सामने आई है. मुझे लगता है कि आपको इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले धन पर अंकुश लगाने, आतंकवाद की जांच और आगे डिजिटल अर्थव्यवस्था के उद्देश्य से 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर बैन लगाने की घोषणा की थी.

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चलन में मुद्रा की वर्तमान स्थिति

बीते 9 दिसंबर को संसद को सूचित किया गया था कि मार्च 2019 के अंत में चलन में मुद्रा 21 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई. मार्च 2019 के अंत तक प्रचलन में कुल नोटों का मूल्य 21,109 बिलियन रुपये था. वित्तीय वर्ष 2017-18 (मार्च 2018 में वित्तीय वर्ष समाप्त हो गया) में, चलन में 18,037 बिलियन रुपये मूल्य के नोट थे, जबकि 2016-17 के अंत में यह 13,102 अरब रुपये था. भारतीय अर्थव्यवस्था में चलन में कुल नोटों का मूल्य 31 मार्च, 2016 तक 16,415 अरब रुपये था.