जब भी आप लोन लेते हैं तो बैंक सबसे पहले आपके क्रेडिट स्‍कोर के जरिए आपकी विश्‍वसनीयता को परखते हैं. आपका क्रेडिट स्‍कोर एक तरीके से आपका रिपोर्टकार्ड जैसा होता है, जो बताता है कि पहले के लोन में आपकी रिपेमेंट हिस्‍ट्री कैसी रही है. अगर आपका क्रेडिट स्‍कोर बिगड़ जाए, तो आपको बैंक से लोन मिलना बहुत मुश्किल हो जाता है और अगर मिल भी जाए तो ब्‍याज दरें बहुत ज्‍यादा होती हैं.

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आमतौर पर क्रेडिट स्‍कोर हमारी गलतियों से ही बिगड़ता है जैसे लोन लेने के बाद समय से ईएमआई भुगतान न करने, लोन सेटलमेंट करने, क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर नहीं करने आदि वजहों से सिबिल स्‍कोर गड़बड़ हो जाता है. लेकिन अगर आप 5 बातों को अच्‍छे से समझकर अपनी गलतियों को सुधार लें तो अपने बिगड़े क्रेडिट स्‍कोर को फिर से सुधार सकते हैं.  

किस्‍त का भुगतान समय से करें

अगर आपने बैंक से कोई लोन लिया है तो आप उसकी ईएमआई का भुगतान समय से करें. अगर आपने रिपेमेंट के मामले में थोड़ी भी लापरवाही की तो इसका सीधा असर आपके क्रेडिट स्‍कोर पर पड़ता है. इसलिए किस्‍त के भुगतान में किसी तरह की लापरवाही न करें. अगर आपकी कोई किस्‍त बीच में छूट गई है, तो उसकी भरपाई करें और तय समय पर आगे की किस्‍तों का भुगतान करते रहे. इससे आपके क्रेडिट स्‍कोर में सुधार कुछ ही समय में शुरू हो जाएगा

क्रेडिट कार्ड के खर्च को नियंत्रित रखें

क्रेडिट कार्ड आपकी सुविधा के लिए है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इससे कितना भी खर्च करते रहें और न ही क्रेडिट कार्ड की लिमिट को बार-बार बढ़वाना चाहिए. अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड से आए दिन 30 फीसदी से ज्‍यादा का इस्‍तेमाल करते हैं और बार-बार इसकी लिमिट को बढ़वाते हैं तो बैंक को लगता है कि आपके खर्चे बेतहाशा हैं और आपकी क्रेडिट कार्ड पर निर्भरता बहुत ज्‍यादा है. इसका असर आपके क्रेडिट स्‍कोर पर दिखने लगता है. इसलिए हर किसी को क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30 फीसदी तक का ही इस्‍तेमाल करें. अगर किसी स्थिति में आपको क्रेडिट कार्ड से बड़ी खरीददारी करनी भी पड़े तो बिलिंग साइकिल खत्‍म होने से पहले इसका भुगतान कर देना चाहिए. 

कई लोन साथ लेना भी ठीक नहीं

एक साथ तमाम लोन लेना भी आपके सिबि‍ल स्‍कोर पर असर डाल सकता है. इसका कारण ये है कि एक साथ तमाम लोन को साथ लेने से ईएमआई का बोझ काफी बढ़ जाता है. ऐसे में कई बार ईएमआई मिस होने का रिस्‍क रहता है. इस स्थिति में आपका सिबिल स्‍कोर भी गड़बड़ा सकता है. इसलिए एक साथ कई सारे लोन लेने से बचना चाहिए.

लोन सेटमेंट के बाद ये काम जरूर करें

कोशिश करें कि लोन सेटलमेंट की नौबत ही न आए और अगर आप लोन सेटलमेंट कर भी रहे हैं, तो बाद में इसे क्‍लोज जरूर करवाएं. दरअसल लोन सेटलमेंट का जिक्र आपकी क्रेडिट हिस्‍ट्री में भी होता है. जब आप लोन सेटलमेंट करते हैं तो आपके लोन अकाउंट में 'सेटल्ड' लिख दिया जाता है. इसका मतलब है कि आपने लोन लेते समय निर्धारित राशि को नहीं चुकाया है. इससे क्रेडिट स्‍कोर खराब हो जाता है. इसलिए जब आप आर्थिक रूप से सक्षम हो जाएं तो आप बैंक के पास जाकर कहें कि आप ड्यू यानी प्रिंसिपल, इंटरेस्ट, पेनाल्टी और अन्य चार्ज में जो भी आपको छूट मिली थी, उसे देना चाहते हैं. ये सारे पेमेंट करने के बाद बैंक आपके लोन को पूरी तरह से क्‍लोज कर देगा और आपको बैंक की ओर से नो ड्यू पेमेंट का सर्टिफिकेट दिया जाएगा.

लोन गारंटर बनने से पहले अच्‍छे से विचार करें

किसी के लोन गारंटर बनने से पहले अच्‍छी तरह से विचार करें क्‍योंकि अगर लोन लेने वाले ने समय से लोन नहीं चुकाया या किस्‍तें समय पर नहीं दीं, तो आपको भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा और इससे आपका क्रेडिट स्‍कोर खराब हो सकता है. इसलिए अगर किसी के गारंटर बने भी है, तो इस बात पर नजर बनाकर रखें कि कर्जदार समय पर किस्‍त चुका रहा है या नहीं.