ऐप से Loan देने वालों की है भरमार, जानिए इनसे कर्ज लेना चाहिए या नहीं? किन बातों का रखना चाहिए ध्यान
कुछ ऐसे भी ऐप हैं जो लोगों को बेवकूफ बनाकर लोन दे देते हैं और फिर उनसे वसूली के नाम पर काफी बदतमीजी करते हैं. कई ऐसे ऐप्स के खिलाफ पिछले कुछ सालों में शिकायतें भी आई हैं. समय-समय पर ऐसे ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें प्ले स्टोर से हटाया भी गया है.
पिछले कुछ सालों में टेक्नोलॉजी तेजी से बढ़ी है. हर एक चीज के लिए एक ऐप बन गया है. ऐसे में लोगों को लोन मुहैया कराने के लिए भी बहुत सारे लोन वाले ऐप आ गए हैं. इनमें कुछ तो बैंकों और एनबीएफसी के ऐप हैं, जो अपने ग्राहकों के लिए लोन को टेक्नोलॉजी के जरिए आसान बनाना चाहते हैं. वहीं कुछ ऐसे भी ऐप हैं जो लोगों को बेवकूफ बनाकर लोन दे देते हैं और फिर उनसे वसूली के नाम पर काफी बदतमीजी करते हैं. कई ऐसे ऐप्स के खिलाफ पिछले कुछ सालों में शिकायतें भी आई हैं. समय-समय पर ऐसे ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें प्ले स्टोर से हटाया भी गया है. हो सकता है कि आपके पास भी कभी ऐसा कोई ऑफर आया हो या भविष्य में आ जाए. आइए जानते हैं ऐप्स के जरिए लोन लेते वक्त कितना बातों का रखें ध्यान, ताकि किसी मुसीबत में ना फंसें.
पहले जानिए कैसे फंसाते हैं ये ऐप्स
बहुत सारे लोन देने वाले ऐप्स बेहद आसानी से या बिना किसी केवाईसी के ही लोन देने की पेशकश करते हैं. हालांकि, यह बहुत ज्यादा लोन नहीं देते हैं, लेकिन इनके लोन पर ब्याज दरें बहुत ज्यादा होती हैं. कुछ ऐप तो बहुत सस्ती दरों पर भी लोन दे रहे हैं, क्योंकि उनकी कमाई का असली जरिया होता है लेट फीस समेत देरी से ईएमआई या लोन चुकाने पर लगने वाला ब्याज. एक भी ईएमआई मिस होने पर यह ऐप्स 50-60 फीसदी तक का ब्याज वसूलने लगती हैं. वहीं यह ऐप लेट फीस भी बहुत ज्यादा लगाते हैं. अगर आपको इनसे बचना है तो कुछ बातों का ध्यान रखना होगा.
कैसे बचें इन ऐप्स के जाल से?
लोन देने वाले किसी भी ऐप से कर्ज लेने से पहले उसकी पूरी जांच कर लें. बल्कि इन्हें डाउनलोड करने से पहले ही इंटरनेट पर उनके बारे में जानकारी हासिल कर लें. ऐसे ऐप्स को अपनी कोई भी निजी जानकारी ना दें, ना ही अपने बैंक खाते उनके साथ जोड़ें. ऐसे ऐप्स को परमिशन देते वक्त ध्यान रखें कि वह आपके फोन का कंट्रोल अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं कर रहा, वरना आपके साथ फ्रॉड भी हो सकता है.
जिस भी लोन देने वाले ऐप से आप लोन लेना चाहते हैं, पहले उसके बारे में ये कनफर्म कर लें कि उसका कोई ऑफलाइन एड्रेस है या नहीं. ये भी चेक करें कि उसकी कोई वेबसाइट है या नहीं.
लोन देने वाले ऐप्स के बारे में आपको ये भी चेक करना चाहिए कि वह लेंडिंग ऐप भारतीय रिजर्व बैंक के साथ रजिस्टर्ड है या नहीं. अगर वह ऐप सीधे-सीधे रिजर्व बैंक के साथ रजिस्टर्ड नहीं भी होगा तो भी उसने किसी ना किसी ऐसे बैक या एनबीएफसी के साथ पार्टनरशिप जरूर की होगी, जो रिजर्व बैंक के साथ रजिस्टर्ड जरूर होगा. अगर ऐसा नहीं है तो उस ऐप से लोन बिल्कुल ना लें.
अगर ऐप इन सभी पैमानों पर खरा उतरता है तो ही उससे लोन लें. लोन लेते वक्त भी लोन के नियम और शर्तों को अच्छे से पढ़ें. ये देखें कि कंपनी लेट फीस और बकाया पर ब्याज के नाम पर कितना पैसा ले रही है. कहीं ऐसा ना हो कि सस्ते लोन के नाम पर आपकी एक गलती से ही वह लोन ऐप आप पर भारी भरकम चार्ज लगाकर पैसे वसूल कर ले. यानी आसान भाषा में समझें तो ऐप से लोन लेते वक्त ये जरूर चेक करना चाहिए उसके हिडन चार्ज कोई हैं या नहीं और अगर हैं तो कितने हैं.