भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकान्त दास (Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय बैंक की लेटेस्‍ट डाटा प्रणाली CIMM पर पहले वाणिज्यिक बैंक अपने आंकड़े भेजना शुरू करेंगे और फिर शहरी सहकारी बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां भी इसका हिस्सा बनेंगी. दास ने रिजर्व बैंक के मुख्यालय में आयोजित 17वीं सांख्यिकी दिवस संगोष्ठी में 'केंद्रीकृत सूचना प्रबंधन प्रणाली' (सीआईएमएस) का शुभारंभ करते हुए कहा कि आरबीआई की अगली पीढ़ी वाली इस डेटा प्रणाली पर शुरुआती दौर में कॉमर्शियल बैंक सूचनाएं भेजना शुरू करेंगे. 

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शक्तिकांत दास ने कहा कि धीरे-धीरे शहरी सहकारी बैंक (UCB) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) भी इस प्रणाली पर अपने आंकड़े दर्ज कराने लगेंगे. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सीआईएमएस के सक्रिय हो जाने के बाद जारी होने वाली पहली साप्ताहिक रिपोर्ट खुद केंद्रीय बैंक के अपने ऑपरेशन और बैंकिंग एवं वित्तीय बाजारों के घटनाक्रम पर केंद्रित है. इसके आंकड़े इस प्रणाली में 23 जून को समाप्त सप्ताह तक दर्ज किए गए थे. 

उन्होंने कहा कि नई प्रणाली सार्वजनिक उपयोग के लिए ज्‍यादा आंकड़ों का प्रॉसेस करेगी. इसके अलावा बाहरी यूजर्स भी इसके आंकड़ों का ऑनलाइन विश्लेषण कर पाएंगे. इसके साथ रेगुलेटेड इकाइयों की अपने पिछले आंकडों तक भी पहुंच होगी और वे सीआईएमएस में गुणवत्ता मानकों पर उनका आकलन कर पाएंगी. 

नई सुविधाएं भी जुड़ेंगी

दास ने कहा कि नई डेटा प्रणाली में आगे चलकर कुछ और नई सुविधाएं भी जोड़ी जाएंगी. इसमें ईमेल-आधारित रिपोर्टिंग की सुविधा भी शामिल है. आरबीआई ने अपनी पहली डेटा प्रणाली के रूप में वर्ष 2002 में CDBMS को अपनाया था. फिर नवंबर 2004 में अर्थव्यवस्था पर केंद्रित सूचनाओं का एक बड़ा हिस्सा डीबीआईई पोर्टल पर भी डाल दिया गया था. समय बीतने के साथ यह प्रणाली वित्तीय एवं बैंकिंग आंकड़ों के एक सघन प्रबंधन एवं प्रसंस्करण केंद्र के रूप में तब्दील हो गया. मई, 2023 में आरबीआई की डेटा प्रणाली DBIE को 2.5 लाख से अधिक हिट मिले थे.

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