यदि आपने बैंक से कर्ज ले कर समय पर किश्त नहीं चुकाई है तो आपकी मुश्किल बढ़ सकती है. रिजर्व बैंक  के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने कहा कि बैंकों को काम कर्ज न चुकाने वालों को बेलआउट देना नहीं है. बैंक पैसा जमा करने वालों के लिए अधिक जवाबदेह हैं. विश्वनाथन ने कहा कि बैंक एक शॉक एग्जार्बर की तरह काम नहीं कर सकते कि उन्हें उन्हें लोन लेने वालों से पैसे वसूलने में किसी तरह की रियायत नहीं करनी चाहिए क्योंकि जिन लोगों का पैसा बैंक में जमा है उन्हें पैसा वापस करने में बैंक को किसी तरह की कोई छूट नहीं है.

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आरबीआई डिप्टी गवर्नर ने कहीं ये बातें

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर की ओर से ये बातें 29 अक्टूबर को जमशेदपुर में एक भाषण के दौरान कहीं गईं थीं. बाद में इन बातों को आरबीआई की वेबसाइट पर भी डाल दिया गया है. गौरतलब है कि आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने ये बातें तक कहीं हैं जब कि नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों में लिक्विडिटी का काफी संकट है और वे बैंकों से उम्मीद कर रही हैं कि इस मुश्किल समय में बैंक उनकी मदद करेंगे. सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच भी यह मुद्दा विवाद का विषय है. सरकार चाहती है कि नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को लिक्विडीटी संकट से निकालने के लिए विशेष इंतजाम किए जाएं.

लोन के नियमों को और कड़ा करेंगे बैंक

रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर की ओर से आरबीआई की ओर से 12 फरवरी को जारी एक सर्कुलर को भी सही बताया गया जिसमें लोन देने के नियमों को और कड़ा करने की बात कही गई है. वहीं बड़े लोन लेने वालों के लिए किसी भी तरह की लोन रीस्ट्रक्चरिंग की योजना को खत्म करने की बात कही गई है. गौरतलब है कि हाल ही में आए बैंकरप्सी कोड के बाद कर्ज न चुकाने वालों की मुश्किलें काफी बढ़ जाएंगी.