Auto Sweep Account: ऑटो स्वीप अकाउंट स्मार्ट बैंकिंग का एक खास टूल है. बहुत से बैंक हैं जो आपको सेविंग्स अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट को एक साथ क्लब करने का ऑप्शन देते हैं और सबसे बड़ी बात है कि इस सुविधा के तहत आपके अकाउंट में पैसा जहां ज्यादा रिटर्न मिलेगा, उसके हिसाब से स्वीप होता रहेगा यानी स्विच होता रहेगा. ऑटो स्वीप सिस्टम में आपके सेविंग्स अकाउंट में जब अतिरिक्त पैसा होता है तो वो आपके एफडी अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा, जिससे आपको ज्यादा रिटर्न मिलेगा. इस अकाउंट के काफी फायदे हैं, लेकिन इसके कुछ ड्रॉबैक्स भी हैं, अगर आप ऑटो स्वीप फैसिलिटी लेने का सोच रहे हैं तो आपको पहले ये जान लेने चाहिए, ताकि आप अपनी जरूरत के हिसाब से फैसला ले सकें.

कैसे काम करता है ऑटो स्वीप अकाउंट?

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ऑटो स्वीप एक ऐसा फीचर है जो आपके सेविंग्स अकाउंट को फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट से लिंक कर देता है. इसपर आप एक लिमिट सेट कर देते हैं कि जब भी इस लिमिट के ऊपर सेविंग्स अकाउंट में पैसे आते हैं, वो पैसे एफडी अकाउंट में अपने ट्रांसफर हो जाएंगे, इससे आप एक्स्ट्रा मनी पर एक्स्ट्रा रिटर्न कमाएंगे. साथ ही मान लीजिए कि आपको और पैसों की जरूरत पड़ी तो आप एफडी से पैसे निकलवाने की बजाय इसमें से अपने सेविंग्स अकाउंट में पैसे निकलवा सकते हैं. इसे रिवर्स स्वीप कहते हैं. 

उदाहरण से समझें

मान लीजिए आपने ऑटो स्वीप सुविधा देने वाला एक सेविंग्स अकाउंट खुलवाया. इसमें मिनिमम बैलेंस 10,000 रुपये पर रखने की शर्त है. आपने अपने अकाउंट में 60,000 रुपये डाले हैं और 30,000 रुपये पर लिमिट सेट कर दी है, जिसे थ्रेशॉल्ड लिमिट भी कहते हैं. अब इस अकाउंट में से 30,000 रुपये आपके एफडी अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएंगे और इस 30,000 पर आपको एफडी के ब्याज दर के हिसाब से रिटर्न मिलेगा. 

ऑटो स्वीप अकाउंट के कुछ नुकसान, किन बातों का रखें ध्यान?

ऑटो स्वीप अकाउंट के अपने कुछ नुकसान भी हैं. आपको इनके बारे में भी पता होना चाहिए ताकि आप सही फैसला ले सकें.

1. अगर आप ऑटो स्वीप फैसिलिटी के एफडी अकाउंट से प्रीमैच्योर विदड्रॉल करते हैं तो आपको पेनाल्टी देनी होगी. इस वजह से आपको एफडी फंड पर कम रिटर्न मिल सकता है.

2. कुछ बैंक आपसे ऑटो स्वीप सुविधा के लिए अलग से चार्ज लेते हैं. इसलिए, ये जानना जरूरी है कि अगर आप अपने बैंक के पास उपलब्ध इस सुविधा को ऑप्ट करते हैं तो आपको कितना चार्ज देना होगा. 

3. आपको स्वीप इन अकाउंट का ज्यादा फायदा तभी मिलता है, जब आपके सेविंग्स अकाउंट में एक्स्ट्रा अमाउंट पड़ा होता है और आप इसपर ज्यादा रिटर्न पाना चाहते हैं. 

4. अगर आप अपने अकाउंट से महीने में कई बार पैसे निकालते हैं, तो भी आपको इसका ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा.

5. ऑटो स्वीप अकाउंट स्मार्ट बैंकिंग का टूल जरूर है, लेकिन ये आपके लिए सही है या नहीं, आपको इससे कितना फायदा होगा, कितना एक्स्ट्रा रिटर्न मिलेगा, ये सबकुछ देखकर ही आपको इसे ऑप्ट करना चाहिए.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें