डीजीसीए की ओर से कुल 63 यात्रियों को 'No Fly List' में रखा गया है. सीएआर (Civil Aviation Requirements) में उल्लिखित प्रावधान के अनुसार डीजीसीए की ओर से No Fly List बनाई जाती है, जिसमें घटना की तारीख, सेक्टर, उड़ान संख्या, प्रतिबंध लगाए जाने की अवधि वगैरह का जिक्र होता है. हाल ही में  नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस बात का खुलासा किया है कि पिछली साल नो फ्लाई लिस्‍ट में 63 लोगों को शामिल किया गया है. आइए आपको बताते हैं कि क्‍या होता है नो फ्लाई लिस्‍ट और इसमें कैसे होती है कार्रवाई?

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नो फ्लाई लिस्ट का मकसद

फ्लाइट स्टैंडर्ड्स के मुताबिक अनुचित व्यवहार करने वाले यात्रियों को नियंत्रित करने के लिए नो फ्लाई लिस्ट तैयार की जाती है  वो यात्री, जो शारीरिक, मौखिक या किसी अन्य आपत्तिजनक व्यवहार के चलते फ्लाइट में सफर कर रहे किसी भी यात्री के साथ अभद्र व्‍यवहार करते हैं या यात्रा में रुकावट पैदा करने की कोशिश करते हैं, तो ऐसे में उनका नाम नो फ्लाई लिस्ट में डाल दिया जाता है.

लिस्‍ट में नाम होने पर क्‍या होता है

डीजीसीए अनुचित व्‍यवहार को दंडनीय मानता है और नो फ्लाई लिस्‍ट का रखरखाव करता है. अगर एक बार आपका नाम इस लिस्‍ट में आ गया तो आपकी यात्रा पर प्रतिबंध लग सकता है. ये प्रतिबंध कुछ दिनों के लिए या अनिश्चित समय तक के लिए भी हो सकता है. लेकिन नियम के मुताबिक, अनुचित व्यवहार की शिकायत होनी जरूरी है.

कैसे होती है कार्रवाई

अगर किसी का नाम  नो फ्लाई लिस्‍ट में आता है तो जांच के लिए एक कमेटी बनाई जाती है. जांच के दौरान एयरलाइन यात्री पर प्रतिबंध लगा सकती है. ऐसे में कमेटी को 30 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होती है. अगर जांच के दौरान व्‍यक्ति मौखिक अनुचित व्यवहार के लिए जिम्‍मेदार पाया जाता है तो उस पर तीन महीने के लिए प्रतिबंध लगाया जा सकता है. शारीरिक अनुचित व्यवहार के लिए दोषी पाया गया तो छह महीने के लिए प्रतिबंध लगाया जा सकता है और अगर जानलेवा धमकी वाले व्यवहार के लिए दोषी पाया जाता है तो दो साल या इससे ज्‍यादा समय के लिए भी नो फ्लाई लिस्‍ट में उसका नाम डाला जा सकता है. नो फ्लाई लिस्ट में डाला गया यात्री प्रतिबंध लगने के 60 दिनों के अंदर इसके खिलाफ अपील कर सकता है.

 

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