UDAN: सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने बताया कि आठ साल पहले शुरू की गई क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना UDAN के तहत 601 मार्ग और 71 हवाई अड्डे चालू हो गए हैं. UDAN (उड़े देश का आम नागरिक) का उद्देश्य क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढ़ाना और हवाई यात्रा को अधिक किफायती बनाना है. मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा कि हेलीकॉप्टर मार्गों सहित 601 मार्गों को चालू कर दिया गया है और इनमें से लगभग 28 प्रतिशत मार्ग सबसे दूरदराज के स्थानों के लिए सेवा देते हैं.

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कुल 86 एयरोड्रोम - जिसमें 71 हवाई अड्डे, 13 हेलीपोर्ट और दो जल एयरोड्रोम शामिल हैं - चालू हो गए हैं. इससे 2.8 लाख से अधिक उड़ानों के जरिये 1.44 करोड़ से अधिक यात्रियों को लाभ हुआ. इस बीच, देश में चालू हवाई अड्डों की संख्या 2014 में 74 से दोगुनी होकर 2024 में 157 हो गई है. सरकार का लक्ष्य 2047 तक इनकी संख्या को बढ़ाकर 350-400 तक करना है. 

एविएशन सेक्टर में आया बड़ा बदलाव

UDAN (उड़े देश का आम नागरिक) योजना से देश के एविएशन क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है. इस योजना के कारण देश में एयरपोर्ट की संख्या दोगुनी होकर 157 हो गई है, जो कि 2014 में 74 थी. सरकार का लक्ष्य 2047 तक इसे बढ़ाकर 350 से 400 करना है. यह जानकारी केंद्र सरकार की ओर से रविवार को दी गई.

बीते एक दशक में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या दोगुनी हुई है. भारतीय एयरलाइंस की ओर से भी अपनी फ्लीट को बढ़ाया जा रहा है.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) की ओर से कहा गया कि 'उड़ान' का उद्देश्य रीजनल एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाना है. किफायती दामों पर ऐसी जगह सर्विसेज उपलब्ध कराना है, जहां उड़ान सेवाएं कम हैं या फिर उपलब्ध नहीं हैं. मंत्रालय ने कहा कि आज हम उड़ान योजना की सातवीं वर्षगांठ मना रहे हैं. यह भारत सरकार की दूर-दराज के इलाकों में इन्फ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी सुधारने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

इन एयरलाइंस को हुआ फायदा

फ्लाईबिग, स्टार एयर, इंडियावन एयर और फ्लाई91 जैसे क्षेत्रीय एयरलाइंस को इस योजना से लाभ हुआ है, उन्होंने स्थायी व्यवसाय मॉडल विकसित किया है और रीजनल एयर ट्रैवल इकोसिस्टम बनाने में योगदान दिया है.

भारतीय एयरलाइन ने अगले 10-15 वर्षों में डिलीवरी के लिए निर्धारित 1,000 से अधिक विमानों के ऑर्डर दिए हैं, जिससे लगभग 800 विमानों के मौजूदा फ्लीट में वृद्धि हुई है.

कब शुरू हुई उड़ान योजना? 

उड़ान योजना के तहत पहली उड़ान 27 अप्रैल, 2017 को शिमला से दिल्ली के बीच शुरू हुई थी. उड़ान एक बाजार-संचालित मॉडल पर काम करती है, जहां एयरलाइंस विशिष्ट मार्गों पर मांग का आकलन करती हैं और बोली दौर के दौरान प्रस्ताव प्रस्तुत करती हैं. 

एयरलाइंस को माफ हैं ये चार्जेस

मंत्रालय के अनुसार, सरकार ने कम आकर्षक बाजारों में उड़ानें संचालित करने के लिए एयरलाइंस को आकर्षित करने के लिए कई उपाय लागू किए हैं.

एयरपोर्ट संचालकों ने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (RCS) उड़ानों के लिए लैंडिंग और पार्किंग शुल्क माफ कर दिया है, और भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (AAI) इन उड़ानों पर टर्मिनल नेविगेशन लैंडिंग शुल्क (TNLC) नहीं लगाता है. इसके अलावा रियायती रूट नेविगेशन और सुविधा शुल्क (RNFC) लागू किया गया है. पहले तीन वर्षों के लिए आरसीएस हवाई अड्डों पर खरीदे गए एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) पर उत्पाद शुल्क 2 प्रतिशत तय किया गया था.

एयरलाइंस को अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए कोड-शेयरिंग समझौते में प्रवेश करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है. उड़ान 3.0 ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में कई गंतव्यों को जोड़ने वाले पर्यटन मार्गों की शुरुआत की है, जबकि उड़ान 5.1 पर्यटन, आतिथ्य और स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए पहाड़ी क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर सेवाओं के विस्तार पर केंद्रित है.