घरेलू विमानचालकों के संगठनों ने विमान नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा विमान चालक दल के सदस्यों के लिये तैयार कार्य एवं आराम समय के प्रारूप का विरोध किया है. संगठनों ने प्रारूप को खतरनाक बताया है. डीजीसीए ने इस महीने की शुरुआत में विमान एवं कार्य समय की सीमा (एफडीटीएल) के बारे में नया प्रारूप प्रस्तावित किया था.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विमानचालकों ने नए नियमों का किया विरोध

विमानचालकों के लिये एफडीटीएल नियम 2011 में तैयार किये गये थे. विमानन कंपनियों से मिले स्पष्टीकरण को तब बाद में नागर विमानन आवश्यकताओं में 2012 में जोड़ा गया था. एयर इंडिया के विमानचालक दल के सदस्यों का प्रतिनिधित्व दो कर्मचारी संगठन इंडिया कॉमर्शिअल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) और इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) करता है. जेट एयरवेज के घरेलू विमानचालकों का प्रतिनिधि संगठन नेशनल एविएटर्स गिल्ड (एनएजी) है.

संगठनों का आरोप उनका पक्ष नहीं जाना गया

तीनों संगठनों ने डीजीसीए को भेजे एक साझा पत्र में कहा, ‘‘उड़ान की सुरक्षा तथा सबसे महत्वपूर्ण लोगों की सुरक्षा के हित में प्रस्तावित प्रारूप के अधिकांश बदलाव न सिर्फ अस्वीकार्य हैं बल्कि खतरनाक हैं तथा ऐसा प्रतीत होता है कि इनमें संदिग्ध व्यावसायिक उद्देश्य निहित हैं.’’ तीनों संगठनों ने नियामक को ये बातें ऐसे समय में कही हैं जब डीजीसीए ने प्रस्तावित प्रावधानों के बारे में विमानन कंपनियों, विमान चालकों, चालक दल के सदस्यों समेत सभी हितधारकों से प्रावधानों को अंतिम रूप देने से पहले प्रतिक्रिया की मांग की है. संगठनों ने यह भी आरोप लगाया कि डीजीसीए ने प्रारूप तैयार करने से पहले हुई बैठकों में उनके द्वारा दिये गये सुझावों पर गौर नहीं किया.