ATF pipelines at airports: पेट्रोलियम क्षेत्र के नियामक PNGRB ने सभी मौजूदा एवं भावी हवाई अड्डों पर विमान ईंधन (ATF) की आपूर्ति पाइपलाइन के जरिये करने का प्रस्ताव दिया है ताकि प्रतिस्पर्धा लाकर ईंधन लागत में कमी लाई जा सके. फिलहाल ATF को सड़क और रेल नेटवर्क के जरिये हवाई अड्डों तक पहुंचाया जाता है और सीमित हवाई अड्डे ही पाइपलाइन से जुड़े हुए हैं. इन पाइपलाइन तक पहुंच सिर्फ उन कंपनियों की ही है जिन्होंने उन्हें बिछाया है. 

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पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) ने ATF आपूर्ति पाइपलाइनों के विकास के लिए आम लोगों और पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (OMC), हवाई अड्डा परिचालकों और एयरलाइंस से टिप्पणियां आमंत्रित की हैं. 

सड़क से ATF भेजना है महंगा

रेगुलेटर ने बयान में कहा कि पाइपलाइन तरल ईंधन के परिवहन का सबसे सस्ता साधन है और सड़क परिवहन काफी महंगा है. विमानन लागत में ATF की ऊंची हिस्सेदारी को देखते हुए पाइपलाइन का प्रावधान हवाई यात्रा की लागत को कम कर सकता है. हालांकि, हवाई अड्डा परिसर में ईंधन बाजार खुला हुआ है लेकिन एक साझा वाहक पाइपलाइन न होने से इस खुले बाजार का मकसद हासिल कर पाना मुमकिन नहीं है. 

इंडस्ट्री में बढ़ेगा कॉम्पिटिशन

नियामक ने कहा, "कुछ ऐसी ATF पाइपलाइन भी हैं जिनका संचालन तेल कंपनियां कर रही हैं. उन्हें भी सामान्य/ अनुबंध वाहक घोषित करने की जरूरत है. यह कदम अन्य OMC को अपने उत्पादों के परिवहन के लिए इन पाइपलाइनों का इस्तेमाल करने, उद्योग के भीतर प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में सक्षम करेगा." 

इसके अलावा, आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख हवाई अड्डों के लिए एक से अधिक पाइपलाइन से आपूर्ति वांछनीय हो सकती है. इससे विमानन क्षेत्र की बढ़ती ईंधन मांग को पूरा किया जा सकेगा.