INDIGO: न अंग्रेजी आती, न हिंदी...बस इस वजह से बदल दी महिला की सीट, तेलंगाना के मंत्री ने एयरलाइन को दी नसीहत
INDIGO: शुक्रवार को इंडिगो फ्लाइट में एक तेलुगु महिला को सीट बदलने को मजबूर किया गया. इस घटना का जिक्र आईआईएम अहमदाबाद में एक सहायक प्रोफेसर देवस्मिता चक्रवर्ती ट्विटर पर शेयर की है.
INDIGO: इंडिगो फ्लाइट पर एक तेलुगु महिला के साथ भेदभाव का आरोप लगा है. दरअसल, विजयवाड़ा-हैदराबाद रूट पर आपातकालीन निकास पंक्ति में एक तेलुगु महिला बैठी थीं. वह अंग्रेजी नहीं बोल सकती थी, इसलिए इंडिगो फ्लाईट कर्मचारियों ने कथित तौर पर उनकी सीट बदल दी और उन्हें दूसरी सीट पर बैठने से मजबूर किया गया. इस घटना के बाद तेलंगाना के मंत्री केटी रामा राव ने एयरलाइन से स्थानीय भाषाओं का सम्मान करने का आग्रह किया है.
स्थानीय भाषाओं का करें सम्मान तेलंगाना के मंत्री केटी रामा राव ने लिखा, "प्रिय इंडिगो 6E प्रबंधन, मैं आपसे स्थानीय भाषाओं और यात्रियों का सम्मान करना शुरू करने का अनुरोध करता हूं, जो अंग्रेजी या हिंदी में अच्छी तरह से वाकिफ नहीं हो सकते हैं. "गैर-हिंदी भाषी लोगों को यह विकल्प दिए बिना कि वे हिंदी सीखना चाहते हैं या नहीं, स्थानीय भाषा का सम्मान, हिंदी के प्रति प्रतिरोध और आक्रोश, गैर-हिंदी भाषी आबादी के बीच गुस्से का एक भावनात्मक और भावुक बिंदु है, विशेष रूप से भारत में. अधिक कर्मचारियों की भर्ती की दी नसीहत मंत्री ने कहा, ‘रीजनल रूट में अधिक कर्मचारियों की भर्ती करें जो स्थानीय भाषा जैसे तेलुगु, तमिल, कन्नड़ आदि बोल सकते हैं. यह एक सही समाधान होगा’. वहीं इंडिगो ने अभी तक मंत्री या उसके खिलाफ आरोप का जवाब नहीं दिया है. भाषा की वजह से महिला से भेदभाव इस घटना को आईआईएम अहमदाबाद में शिक्षा की सहायक प्रोफेसर देवस्मिता चक्रवर्ती ने ट्विटर पर शेयर किया है. उन्होंने कहा कि महिला को अपनी सीट छोड़ने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि अटेंडेंट ने इसे 'सुरक्षा मुद्दा' बताया. देवस्मिता चक्रवर्ती ने एक तस्वीर पोस्ट कर कहा, "हरे रंग के कपड़े में बैठी महिला मूल रूप से 2A (XL सीट, एग्जिट रो) में बैठी थी, उसे 3C सीट पर बैठने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि वह केवल तेलुगु समझती थी, अंग्रेजी/हिंदी नहीं. अटेंडेंट ने कहा कि यह एक सुरक्षा मुद्दा है." चक्रवर्ती ने इसे भेदभाव बताया.चक्रवर्ती के ट्वीट को अलग-अलग प्रतिक्रिया मिल रही हैं.