नरेश गोयल ने जेट ऐयरवेज के बोर्ड से दिया इस्तीफा, बोर्ड बैठक में लिया गया निर्णय
Jet Airways के प्रमुख नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर से बाहर हो गए हैं.
Jet Airways के प्रमुख नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल जल्द कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर से बाहर हो गए हैं. 25 मार्च को कंपनी के बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया.लेनदारों के रेजॉल्यूशन प्लान को बोर्ड की मंजूरी मिल गई है. लेनदार अब जेट एयरवेज में 1500 करोड़ रुपये डालेंगे. बैंक अधिग्रहण के बाद नीलामी के जरिए हिस्सा बेचेंगे. खबरों के अनुसार कंपनी के CEO विनय दुबे अपने पद पर सुरक्षित रह सकते हैं. गौरतलब है कि जेट ऐयरवेज बेहद आर्थिक संकट से जूझ रही है. नरेश गोयल ने अपनी पत्नी अनीता गोयल के साथ मिलकर 1993 में जेट एयरवेज की शुरुआत की थी.
रॉयटर्स की रिपोर्ट में किया गया दावा
कुछ समय पहले रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि निवेशक नहीं मिलने से नरेश गोयल ने चेयरमैन पद से हटने का फैसला लिया था. गोयल को चेयरमैन के पद से हटने के लिए अपनी कंपनी में हिस्सेदारी 51 फीसदी से कम करनी होगी. रिपोर्ट के अनुसार Jet Airways को कर्ज देने वाले नरेश गोयल की पूरी हिस्सेदारी समाप्त करना चाहते हैं.
कंपनी पर है भारी कर्ज
घरेलू विमानन कंपनी Jet Airways पर 1 बिलियन डॉलर (करीब 7000 करोड़ रुपये) से ज्यादा का कर्ज है. कंपनी की ओर से कई तरह के शुल्क न चुकाए जाने के चलते लगभग 41 विमान ग्राउंड हो चुके हैं. कंपनी अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रही है. जिन बैंकों ने कर्ज दिया है उनको समय से किश्त नहीं चुकाई जा पा रही है. कुल मिला कर कहें तो कंपनी की आर्थिक हालत बेहद खराब है. जेट ऐयरवेज की सहयोगी कंपनी Etihad Airways कंपनी में निवेश करने को तैयार है लेकिन उसकी शर्त है कि कंपनी में उसका शेयर 25 फीसदी किया जाए. ऐसे में कंपनी में नरेश गोयल को अपनी हिस्सेदारी घटानी होगी.
2013 में एतिहाद ने किया था पहला निवेश
Etihad Airways ने 2013 में जेट ऐयरवेज में में 600 मिलियन डॉलर (4200 करोड़ रुपये) का निवेश किया था, इसके बाद कंपनी में Etihad की हिस्सेदारी 24 फीसदी हो गई. उस समय भी कंपनी की माली हालत काफी खराब थी. नरेश गोयल ने इस बार भी Etihad Airways से और निवेश करने को कहा. खराब आर्थिक हालत के चलते कंपनी को बैंक से भी कर्ज नहीं मिल रहे हैं.