एविएशन सेक्टर पर दबदबा कायम करने के लिए IndiGo हर महीने जोड़ेगी एक विमान, 2030 तक डेस्टिनेशन डबल करने का है टारगेट
देश के एविएशन मार्केट में सबसे अधिक हिस्सेदारी रखने वाली एयरलाइंस IndiGo 2030 तक अपने नए डोमेस्टिक और इंटरनेशनल रूट्स को बढ़ाने के साथ-साथ अपने कुल डेस्टिनेश को दोगुना करने पर काम कर रही है.
देश के एविएशन मार्केट में सबसे अधिक हिस्सेदारी रखने वाली एयरलाइंस IndiGo 2030 तक अपने नए डोमेस्टिक और इंटरनेशनल रूट्स को बढ़ाने के साथ-साथ अपने कुल डेस्टिनेश को दोगुना करने पर काम कर रही है. इंडिगो 60 फीसदी से कुछ अधिक की डोमेस्टिक मार्केट हिस्सेदारी के साथ देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है. एयरलाइंस के CEO पीटर एल्बर्स ने बताया कि कंपनी A321 XLR फ्लाइट पर भी बड़ा दांव लगा रही है, जो कि 2025 तक उसके बेड़े में शामिल हो सकती है. इसे शामिल करके IndiGo अपनी विदेशी उपस्थिति को भी बढ़ाना चाहती है.
पीटर एल्बर्स ने कहा कि ग्लोबली अपनी स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ अपना विस्तार करने का प्रयास कर रही IndiGo का अगला बड़ा लक्ष्य दशक के अंत तक अपना आकार दोगुना करना होगा.
बेड़े में शामिल हो रहा है हर हफ्ते एक विमान
अप्रैल 2024 से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष के लिए IndiGo प्रमुख ने कहा हर हफ्ते एक विमान आ रहा है. सप्लाई चेन के साथ-साथ प्रैट एंड व्हिटनी इंजन संकट के बीच एल्बर्स ने इस बात पर भी जोर दिया कि एयरलाइन कई राहत उपाय कर रही है जिनके परिणाम सामने आ रहे हैं और एयरक्राफ्ट ऑन ग्राउंड (AOG) की स्थिति 'स्थिर' है.
कितना बड़ा है इंडिगो का बेड़ा
वर्तमान में वाहक 88 घरेलू और 33 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों तक उड़ान भरता है. इसके बेड़े में 360 से अधिक विमान हैं. एल्बर्स ने कहा कि वर्ष 2030 तक आज के आकार से दोगुना होना, वैश्विक पहुंच वाली एक एयरलाइन बनना महत्वाकांक्षी लक्ष्य है... अधिक कोडशेयर साझेदारी की उम्मीद की जा सकती है.
इन एयरलाइंस के साथ है कोडशेयर
इंडिगो के पास वर्तमान में टर्किश एयरवेज, ब्रिटिश एयरवेज, कतर एयरवेज, अमेरिकन एयरलाइंस, केएलएम-एयर फ्रांस, क्वांटास, जेटस्टार और वर्जिन अटलांटिक के साथ कोडशेयर है. कोडशेयरिंग एक एयरलाइन को अपने यात्रियों को अपने साझेदार वाहक पर बुक करने और विभिन्न गंतव्यों के लिए निर्बाध यात्रा प्रदान करने की अनुमति देती है.
एल्बर्स के अनुसार, IndiGo भारत में एक मजबूत विमानन परिवेश तंत्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि अगर भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है और भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है, तो भारत में एक विमानन परिवेश तंत्र होना चाहिए जो देश के आकार, क्षमता और महत्वाकांक्षा से मेल खाता हो. इसमें इंडिगो एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि A321 XLR फ्लाइट से एयरलाइन को अपनी पहुंच का और विस्तार करने में मदद मिलेगी. ए321 एक्सएलआर विमान के 2025 में बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है.