निजी विमानन कंपनी इंडिगो ने वेब चेक-इन करने वाले यात्रियों से 100 से 800 रुपए तक चार्ज वसूलना शुरू कर दिया है. और यह चार्ज पिछले 14 नवंबर से वसूला जा रहा है. खास बात ये है कि वेब चेक इन के नाम पर लगाए गए इस अतिरिक्त चार्ज की जानकारी विमानन कंपनी ने पहले नहीं दी थी. इंडिगो के नए नियमों के अनुसार एयरपोर्ट पर लंबी लाइन से बचने के लिए अक्सर किए जाने वाले वेब चेक-इन के लिए आपको अतिरिक्त शुल्क देना होगा.

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10 दिन बाद दी जानकारी

इंडिगो की तरफ से रविवार को एक ट्वीट में कहा गया, 'हमारे बदले गए नियमों के अनुसार वेब चेक इन के लिए सभी सीटें चार्जेबल होंगी. विकल्प के तौर पर आप एयरपोर्ट पर फ्री में चेक-इन कर सकते हैं. यहां उपलब्धता के आधार पर आपको सीट दी जाएंगी.' इंडिगो के इस कदम से यात्रियों में आक्रोश है. 

हालांकि इंडिगो के निर्णय पर सरकार की तरफ से कहा गया है कि एयरलाइन कंपनी के इस नियम की समीक्षा की जाएगी. एविएशन मिनिस्ट्री की तरफ से कहा गया कि इंडिगो की तरफ से एक ही झटके में वेब चेक इन के लिए शुल्क लगाने के निर्णय की समीक्षा की जा रही है.

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वेब चेक-इन

वेब चेक-इन चार्जेबल का मतलब है कि यदि आप अकेले या किसी ग्रुप में सफर कर रहे हैं तो आप या तो अलग-अलग बैठिए या बीच में फ्री वाली लाइन को चुनिए. लेकिन अगर आपने वेब चेक-इन किया तो इसके लिए आपको भुगतान करना पड़ेगा. वेब चेक-इन के द्वारा यात्री एयरपोर्ट पर लगने वाली लंबी लाइन से बच सकते हैं. इसके द्वारा आप खुद बोर्डिंग पास का प्रिंट ले सकते हैं.

सीट के हिसाब से चार्ज

वेब चेक-इन में सीट के हिसाब से यात्री को चार्ज देना होगा. अगर आप पहली कतार की सीटों और इमरजेंसी सीटों का चुनाव करते हैं तो उनके लिए शुल्क अधिक लिया जाएगा. तो उनके लिए 800 तथा 600 रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना होगा. दूसरी से दसवीं पंक्ति की सीट के लिए 300 रुपये और 11वीं पंक्ति या फिर 14वीं से लेकर 20वीं पंक्ति की सीट के लिए 200 रुपये चुकाने होंगे. आखिरी लाइन की बीच वाली सीट के लिए 100 रुपए चुकाने होंगे.

IndiGo को भारी नुकसान

तेल की ऊंची कीमत और रुपये में गिरावट के कारण विमानन कंपनियां एक बड़े घाटे से गुजर रही हैं. विमानन क्षेत्र के जानकार बताते हैं कि घरेलू उड़ान बाजार की किंग कही जाने वाली इंडिगो को जुलाई से सितंबर के बीच 651 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है. विमानन बाजार में इंडिगो की 43 प्रतिशत हिस्सेदारी है.