नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने रविवार को कहा कि सरकार देश में पहली हवाई मालवहन नीति मंगलवार को घोषित करेगी. प्रभु ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार उड़े देश का हर नागरिक (उड़ान) योजना के तीसरे चरण की घोषणा कुछ दिन में कर देगी. इसमें हवाई मालवहन पर भी ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने कहा, “सरकार 15 जनवरी को पहली हवाई मालपरिवहन नीति की घोषणा करेगी.”प्रभु ने बताया कि संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब ने भारत में बुनियादी ढांचे से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं में निवेश करने की इच्छा जतायी है.

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देश में विकसित किए जाएंगे 100 हवाईअड्डे

देश में हवाई मार्ग से माल को लाने व ले जाने के लिए नागर विमानन मंत्रालय अगले 10 से 15 सालों में देश में लगभग 100 हवाईअड्डों के निर्माण की योजना पर काम कर रहा है. इस पर करीब 60 अरब डॉलर (करीब 4.2 लाख करोड़ रुपये) की लागत आएगी. देश का विमानन क्षेत्र दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहा है. पिछले 50 महीनों में इसमें लगातार दोहरे अंक की यातायात वृद्धि दर्ज की गई है.

निजी क्षेत्र की भागीदारी से विकसित होंगे हवाईअड्डे

नए हवाईअड्डों को विकसित करने में 60 अरब डॉलर की लागत आएगीय. इसको ध्यान में रखते हुए इन हवाईअड्डों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के जरिए विकसित करने की योजना पर काम किया जा रहा है. सरकार ने हवाई मार्ग से मालवहन करने के लिए नीति तैयार कर ली है. विमानन कंपनियों के अंतरराष्ट्रीय संगठन आईएटीए के अनुसार अगले दस साल में भारत का विमानन उद्योग जर्मनी, जापान, स्पेन और ब्रिटेन के विमानन उद्योग को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हवाई यात्रा बाजार होगा.