ये 25 एयरपोर्ट बनेंगे अब सरकार की कमाई का जरिया, अगले तीन सालों में किए जाएंगे मोनेटाइज, देखिए पूरी लिस्ट
Government to monetize 25 Airports: सरकार अगले तीन सालों में 25 एयरपोर्ट्स को मोनेटाइज करने जा रही है.
Government to monetize 25 Airports: सरकार अगले तीन सालों में 25 एयरपोर्ट को मोनेटाइज करने जा रही है. सिविल एविएशन राज्य मंत्री ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में कहा कि नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) के तहत 2022 से लेकर 2025 कर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के 25 एयरपोर्ट्स को एसेट मोनेटाइजेशन के लिए चुना गया है.
संसद सदस्य मिमी चक्रवर्ती ने पूछा था कि क्या सरकार अगले पांच वर्षों में देश के अन्य 30-35 एयरपोर्ट्स के प्राइवेटाइजेशन का कोई विचार रखती है.
इन एयरपोरट्स को किया मोनेटाइज
इन 25 हवाई अड्डों में भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, त्रिची, इंदौर, रायपुर, कालीकट, कोयंबटूर, नागपुर, पटना, मदुरै, सूरत, रांची, जोधपुर, चेन्नई, विजयवाड़ा, वडोदरा, भोपाल, तिरुपति, हुबली, इंफाल, अगरतला, उदयपुर देहरादून और राजमुंदरी शामिल हैं. सिंह ने बताया कि NMP के तहत एयरपोर्ट के एसेट मोनेटाइजेशन के लिए किस क्राइटेरिया का पालन किया गया है.
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एयरपोर्ट्स की कैसी रही आर्थिक स्थिति
सिंह ने पिछले तीन साल में AAI एयरपोर्ट द्वारा किए गए लाभ हानि के बारे में पूछे जाने पर बताया कि देश के 136 एयरपोर्ट में से चार एयरपोर्ट को छोड़कर सभी को वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी के कारण नुकसान उठाना पड़ा है. उन्होंने बताया कि कंडाला (0.11 करोड़ रुपये), कानपुर चकेरी (6.07 करोड़ रुपये), बरेली (0.68 करोड़ रुपये) और पोरबंदर (1.54 करोड़ रुपये) को छोड़कर अन्य सभी हवाई अड्डों को भारी नुकसान हुआ.
ज्यादातर एयरपोर्ट्स को उठाना पड़ा नुकसान
सिंह ने बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट को 317 करोड़ रुपये और मुंबई को 331 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है. गोवा जैसे कुछ एयरपोर्ट जिसने 2019-20 में 146 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था, को पिछले वर्ष में 118 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है. इसके अलावा वित्त वर्ष पिछले तीन वर्षों में अधिकांश एयरपोर्ट्स को नुकसान उठाना पड़ा.
देश में है कितने एयरपोर्ट
उन्होंने लोकसभा को बताया कि AAI के पास देश में कुल 136 एयरपोर्ट्स हैं, जिनमें से AAI ने सात पर ज्वाइंट वेंचर का गठन किया है. AAI ने हाल ही में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत ऑपरेशन, मैनेजमेंट और विकास के लिए अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम, मंगलुरु एयरपोर्ट को 50 साल की अवधि के लिए दिया है.