Flight Ticket Refund: सरकार ने बुधवार को ऑनलाइन यात्रा से जुड़े विभिन्न पोर्टल को कोरोनो वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ की अवधि के दौरान हवाई टिकट बुकिंग से संबंधित लंबित पैसा उपभोक्ताओं को वापस करने के लिये प्रक्रिया नवंबर के तीसरे सप्ताह के अंत तक शुरू करने का निर्देश दिया. 

कोरोना के दौरान कैंसिल हुए थे फ्लाइट्स

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कोरोनो वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 25 मार्च, 2020 से अलग-अलग अवधि के लिये देश में ‘लॉकडाउन’ लगाया गया था. इस दौरान अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ान सेवाओं को भी एक निश्चित अवधि के लिये बंद किया गया था. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को यात्रा क्षेत्र में उपभोक्ता हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले मुद्दों पर चर्चा के लिए यात्रा को लेकर ऑनलाइन सुविधा प्रदाताओं के साथ बैठक की. 

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में कोविड-19 ‘लॉकडाउन’ अवधि के दौरान बुक किए गये टिकट का पैसा वापस नहीं किए जाने के मुद्दे पर चर्चा हुई. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यात्रा सुविधा प्रदाताओं (एग्रिगेटर्स) को नवंबर के तीसरे सप्ताह के अंत तक कोविड-19 लॉकडाउन के कारण प्रभावित लंबित किराया राशि का भुगतान करने को कहा गया है. 

किस प्लेटफॉर्म ने लौटाया कितना रिफंड

Yatra

2023 तक वापस की गई कुल राशि-  22,85,72,914/- रुपये

Ease My Trip

जून 2021 तक वापस की गई कुल राशि- 2,32,63,74,274 रुपये

Make My Trip

2023 तक वापस की गई कुल राशि- 978 करोड़ रुपये 

Cleartrip

रिफंड की गई कुल राशि- 158,27,18,784/- रुपये

Ixigo

2023 में वापस की गई कुल राशि- 46,68,84,355/- रुपये

पैसेंजर्स के लिए बना 'पैसेंजर चार्टर'

बैठक के दौरान इस बात पर विचार किया गया कि कस्टमर्स शिकायतों के प्रभावी समाधान के लिए नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन को एयर सेवा पोर्टल (Air Sewa Portal) के साथ जोड़ा जा सकता है. सिविल एविएशन मिनिस्टर और DGCA के प्रतिनिधियों ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि मंत्रालय ने एक 'यात्री चार्टर' प्रकाशित किया है जिसमें हवाई यात्रा के दौरान यात्रियों के अधिकार शामिल हैं. यह निर्णय लिया गया कि चार्टर को राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर प्रकाशित करने सहित उपभोक्ताओं के बीच सक्रिय रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए.

इसके अलावा, उपभोक्ता शिकायतों के समयबद्ध समाधान के लिए एक लोकपाल की स्थापना पर भी विचार-विमर्श किया गया. नागरिक उड्डयन मंत्रालय और उपभोक्ता कार्य विभाग संयुक्त रूप से इसे स्थापित करने के तौर-तरीकों पर काम कर सकते हैं.